महाराष्ट्र सियासत: उद्धव ठाकरे के फिर से सीएम बनने के सवाल पर संजय राउत ने दी प्रतिक्रिया, जानिए क्या रहा शिवसेना नेता का जवाब

  • महाराष्ट्र में इस साल अक्टूबर में विधानसभा चुनाव
  • उद्धव ठाकरे के सीएम बनने पर संजय राउत की प्रतिक्रिया
  • जानिए क्या रहा शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता का जवाब

Bhaskar Hindi
Update: 2024-06-14 18:43 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र में इस साल अक्टूबर में लोकसभ चुनाव होने वाले है। इसी के साथ राज्य में पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप भी जोर पकड़ता जा रहा है। इस बीच राज्य में अगले सीएम फेस पर शिवसेना (उद्धव गुट) के दिग्गज नेता संजय राउत ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य में विधानसभा होने के बाद महाविकास अघाड़ी कोई निर्णय लेगा। इसके अलावा राउत ने मीडिया से बातचीत के दौरान महाराष्ट्र में एमवीए सरकार बनने पर उद्धव ठाकरे के नेतृत्व को लेकर भी सवाल पूछा था।

इतना ही नहीं, आगामी विधानसभा चुनाव में संजय राउत ने एमवीए की सरकार बनने का भी दावा किया। राउत ने कहा, "चुनाव होने दीजिए। हम चुनाव जीतेंगे और फिर इस पर फैसला करेंगे। इस सप्ताह की शुरुआत में संजय राउत ने दावा किया था कि विपक्षी गठबंधन 288 विधानसभा सीटों में से 180-185 सीटें हासिल करेगा।"

लोकसभा चुनाव में एमवीए के प्रदर्शन पर कही ये बात

इस बार के लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में विपक्ष दलों की महाविकास अघाड़ी का प्रदर्शन काफी बढ़िया रहा। एमवीए ने राज्य की ज्यादातर सीटों पर महायुति गठबंधन में शामिल बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी (अजीत गुट) को मात दी है। लोकसभा चुनाव के नतीजों के मुताबिक, राज्य की 48 सीटों में से 30 पर महाविकास अघाड़ी ने जीत हासिल की है। लेकिन, एमवीए के सहयोगी दलों में शामिल शिवसेना (यूबीटी) का स्ट्राइक रेट बेहद कम रहा था। शिवसेना (यूबीटी) ने राज्य की कुल 21 सीटों में से केवल 9 सीटों पर जीत दर्ज की।

कांग्रेस को मिली बढ़त, शरद की एनसीपी भी रही मजूबत

कांग्रेस की बात करें तो पार्टी ने कुल 17 में से 13 सीटों पर जीत दर्ज करने में सफल रही। जबकि, एनसीपी (शरद गुट) ने 10 में से 8 सीटों पर विजय रही। राज्य की सांगली लोकसभा सीट पर कांग्रेस नेता विशाल पाटिल ने निर्दलीय चुनाव लड़ने के बाद अपना समर्थन कांग्रेस को दे दिया था।

लोकसभा चुनाव में महायुति का खराब प्रदर्शन

एमवीए की तुलना में महायुति में शामिल भाजपा का प्रदर्शन काफी निराशाजनक साबित रहा। भाजपा ने केवल 9 सीटों पर ही जीत हासिल हुई। जबकि, राज्य की सत्ताधारी शिवसेना (शिंदे गुट) ने 7 सीटों पर जीत दर्ज की। हालांकि, इनमें एनसीपी (अजीत गुट) की पार्टी का प्रदर्शन काफी खराब। राज्य की 4 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली एनसीपी केवल 1 ही सीट पर सिमट गई। 

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