सत्ता-संगठन में बदलाव!: गडकरी और शिवराज की भूमिका तय करेगा संघ! मोदी कैबिनेट में मंत्री या संभालेंगे पार्टी की कमान
- नड्डा अध्यक्ष पद से हटेंगे या बने रहेंगे
- गडकरी और शिवराज में से किसी एक को मिल सकता है
- दोनों नेताओं की मजबूत पकड़
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मोदी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनते ही भारतीय जनता पार्टी अपने संगठन में बड़ा बदलाव कर सकती है। अपने बलबूते पर बहुमत से दूर होने और आगामी समय में कई राज्यों में विधानसभा चुनाव के चलते पार्टी के अंदर कई अहम बदलाव देखने को मिलेंगे। बीजेपी के मौजूदा अध्यक्ष जेपी नड्डा को लोकसभा चुनाव के चलते जून तक सेवा विस्तार दिया गया था। अब लोकसभा चुनाव बीत जाने के बाद उन्हें पद से हटाए जाने की चर्चाएं तेज होने लगी हैं। बीजेपी अंदरखाने से खबर है कि मोदी की नई सरकार के गठन के बाद ही उन्हें अध्यक्ष पद से हटा दिया जाएगा।
बीजेपी सूत्रों के मुताबिक पार्टी उन्हें केंद्र सरकार में बड़ी जिम्मेदारी देने के मूड में है। बीजेपी अध्यक्ष बनने से पहले नड्डा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार में हेल्थ मिनिस्टर का पद संभाल चुके थे। अब चर्चा है कि एक बार फिर पार्टी उन्हें स्वास्थ्य मंत्री या कोई अन्य बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है। मनसुख मंडाविया को गुजरात में बड़ा पद देने की संभावना जताई जा रही है। यदि गुजरात के मुख्यमंत्री पद पर कोई बदलाव होता है, तो भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के बेहद भरोसेमंद होने के नाते मनसुख मंडाविया सीएम पद के बड़े दावेदार हो सकते हैं।
बीजेपी बहुमत से दूर होने के चलते एनडीए में शामिल दलों को भी केंद्र सरकार में शामिल करेगी। जिसके चलते मजबूरी में भाजपा को अपने कुछ वरिष्ठ नेताओं को पार्टी संगठन में अहम पद देकर संतुष्ट करना पड़ेगा। एनडीए में शामिल टीडीपी ने सड़क परिवहन मंत्रालय की मांग को बीजेपी की आंतरिक पॉलिटिक्स से जोड़ कर देखा जा रहा है। आपको बता दें मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में सड़क परिवहन विभाग संघ के बेहद करीबी नितिन गडकरी के हाथों में था। अब माना जा रहा है कि पार्टी उन्हें महाराष्ट्र में बड़ी जिम्मेदारी देने पर विचार कर रही है।
नड्डा के अध्यक्ष पद से हटने की संभावनाओं के बीच पार्टी के अगले अध्यक्ष के नाम पर भी चर्चाएं तेज हो गई हैं। बीजेपी के अंदर चर्चा है कि आलाकमान मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को अध्यक्ष पद सौंप सकती है। जनता के बीच शिवराज की छवि ईमानदार, सौम्य स्वभाव के साथ एक साफ नेता की रही है। प्यार से लोग उन्हें मामा कहते है। सीएम पद से हटने के बाद भी शिवराज सिंह चौहान ने पार्टी के लिए मजबूती से काम किया। और पार्टी को मध्यप्रदेश में 29 सीटें जिताने में निर्णायक भूमिका निभाई। बीजेपी उन्हें इसका नाम दे सकती है। पूर्व सीएम चौहान ने पार्टी की सदस्यता अभियान में महत्त्वपूर्ण सफलता दिलाकर भी अपनी सांगठनिक क्षमता दिखाई थी। अध्यक्ष पद के साथ ही कई प्रदेशों में बीजेपी अपने प्रदेश अध्यक्षों में बदलाव कर सकती है। झारखंड, दिल्ली,हरियाणा और महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा बड़ा बदलाव कर सकती है।
नितिन गडकरी और शिवराज सिंह चौहान दोनों ही नेताओं के आरएसएस से संबंध काफी अच्छे बताए जाते हैं। चुनाव में उपेक्षा के बाद अध्यक्ष पद को लेकर आरएसएस भी सक्रिय हो गया। संघ संगठन और सत्ता में अहम भूमिका निभाने के चलते बड़े कदम उठा सकता है।