जातिजनगणना पर मचा बवाल: संघ ने कहा - सिर्फ सामाजिक भलाई के लिए हो इस्तेमाल, न बनाएं चुनावों का पॉलिटिकल टूल, कांग्रेस ने साधा निशाना
- केरल के पलक्कड़ में तीन दिन चली आरएसएस की समन्वय बैठक
- जातिगत जनगणना पर संघ की ओर से आया बड़ा बयान
- कांग्रेस ने बताया जनगणना विरोधी
डिजिटल डेस्क, तिरुवनंतपुरम। 'जातिगत जनगणना केवल समाज की भलाई के लिए किया जाना चाहिए। इसे चुनावों का पॉलिटिकल टूल न बनाएं।' यह कहना है कि आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर का। वह सोमवार को केरल के पलक्कड़ में तीन दिन चली समन्वय बैठक के बाद हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोल रहे थे।
आंबेकर ने कहा, 'हमारे हिंदू समाज में जाति बहुत संवेदनशील मुद्दा है। जनगणना हमारी राष्ट्रीय एकता और सुरक्षा के लिए अहम है। इसे बहुत गंभीरता के साथ किया जाना चाहिए। किसी जाति या समुदाय की भलाई के लिए भी सरकार को आंकड़ों की जरूरत होती है। ऐसा पहले भी हो चुका है, लेकिन इसे सिर्फ समाज की भलाई के लिए किया जाना चाहिए। इसे चुनावों का पॉलिटिकल टूल न बनाएं।'
कांग्रेस ने साधा निशाना
आरएसएस की तरफ से आए इस बयान पर कांग्रेस ने निशाना साधा है। कांग्रेस ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि आरएसएस ने जातिगत जनगणना का खुलकर विरोध करते हुए कहा कि इससे समाज की एकता व अखंडता को खतरा हो सकता है।
बता दें कि केरल के पलक्कड़ में 31 अगस्त से लेकर 2 सितंबर तक आरएसएस की तीन दिवसीय समन्वय बैठक हुई। जिसमें कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर से रेप-मर्डर, यूनिफॉर्म सिविल कोड और बांग्लादेश में हिंदुओं के हालात पर विचार विमर्श हुआ। बांग्लादेश मामले पर सरकार से उचित कदम उठाने का आग्रह किया गया।
बैठक के अंत में संगठन के 100 साल पूरे होने पर जो कार्यक्रम कराया जाएगा, उसकी कार्ययोजना बनाई गई। साथ ही अहिल्याबाई की 300वीं जयंती मनाने का फैसला भी लिया गया।