दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025: इस्तीफा तो बहाना, चुनाव में सेफ गेम हैं खेलना! केजीरवाल के मास्टरस्ट्रोक पर जानें एक्सपर्ट की क्या है राय?

  • दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस्तीफे का किया ऐलान
  • सीएम की घोषणा के बाद दिल्ली की राजनीति गलियारों में हलचल तेज
  • समझें एक्सपर्ट से केजरीवाल की इस्तीफा का एनालिसिस

Bhaskar Hindi
Update: 2024-09-15 11:48 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तिहाड़ जेल से रिहाई के दो दिन बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को सीएम पद से इस्तीफा देना का ऐलान किया है। इसके बाद दिल्ली के सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है। सीएम केजरीवाल ने कहा है कि वह अगले दो दिन में सीएम पद से इस्तीफा दे देंगे। जिसके बाद चारों ओर चर्चांए तेज है कि राज्य में अगला मुख्यमंत्री कौन बनेगा। अरविंद केजरीवाल ने अपनी घोषणा में कहा कि मैं दो दिन बाद सीएम पद से इस्तीफा देने जा रहा हूं। उन्होंने कहा कि जनता का फैसला आने तक वह बतौर सीएम की कमान नहीं संभालेंगे। वह लोगों के घरों और गलियों में जाएंगें और जनता का फैसला आने तक सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे।

राजनीतिक विश्लेषक ने कही ये बात
एक तरफ जहां भाजपा की ओर से अरविंद केजरीवाल के ऐलान को पोलिटिकल ड्रामा बताया जा रहा है। तो वहीं दूसरी ओर राजनीतिक विशेषज्ञों ने केजरीवाल के सियासी दांव पर अपनी राय पेश की है। केजरीवाल का कहना है कि नवंबर में चुनाव कराए जाएंगे। जबकि, एक्सपर्ट्स का मानना है कि भले ही केजरीवाल जीत की आस लगा रहे हैं। लेकिन उनके जीत की राह आसान नहीं होगी।

केजरीवाल की घोषणा पर सुप्रसिद्ध चुनाव विश्लेषक और हिंदी न्यूज पेपर नवभारत टाइम्स के पूर्व संपादक रामकृपाल सिंह ने अपना राय दी है। उन्होंने एबीपी न्यूज को दिए इंटरव्यू में कहा कि आप की आंधी नहीं आएगी। बेल और बर्मी में काफी अंतर होता है। हालांकि, इस बात को नकारा नहीं जा सकता है कि पहली बार किसी को इतनी शर्तों के साथ जमानत दी गई है। यह जमानत साधारण नहीं है। यह याद रहे कि केजरीवाल को छोड़ा गया है, सीएम को नहीं। अगले साल फरवरी में दिल्ली विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में सीएम कौन बनेंगे। इस बात का भी फैसला तब किया जाएगा। लेकिन, इस बार अरविंद केजरीवाल और उनकी आप को कई चुनौतियों से गुजरना पड़ सकता है।

आप के सामने कई चुनौतियां

रामकृपाल सिंह ने आगे कहा कि केजरीवाल भगत सिंह का उदाहरण पेश कर रहे हैं। वह अपने आप को क्रांतिकारी सीएम कह रहे हैं। उनकी यह बात सही नहीं है। अरविंद केजरीवाल आपदा को अवसर में बदल रहे हैं। उन्हें पता है कि अगले साल फरवरी में विधानसभा चुनाव होंगे। इसके लिए वह अभी से अपने आप को सेफ करना चाह रहे हैं। हालांकि, आगामी विधासभा चुनाव में जीत किसके पाले में आएगी, यह कोई नहीं जातना है। केजरीवाल से पहले भी कई मुख्यमंत्री ने अपने आप को हटाकर पार्टी में दूसरे को मुख्यमंत्री बनाया। लेकिन, बाद में क्या हुआ इस बात से सभी अवगत है।

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