रामलला प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम: राहुल और प्रियंका गांधी को क्यों नहीं मिला कार्यक्रम का न्योता? जानें वजह
- 22 जनवरी को होगा कार्यक्रम
- पीएम मोदी, सीएम योगी समेत कई सियासी चेहरों को मिला निमंत्रण
- इस वजह से राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को नहीं किया आमंत्रित
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 22 जनवरी को राम मंदिर में भव्य कार्यक्रम का आयोजन होने जा रहा है। रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा को भव्य बनाने के लिए कार्यक्रम से लगभग एक महीने पहले से ही तैयारियां चल रही हैं। इस खास मौके पर प्रमुख राजनैतिक चेहरों से लेकर रामजन्मभूमि आंदोलन में विशेष योगदान देने वाले लोगों और कारसेवकों के परिवार को भी इस खास समारोह का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे।
राम मंदिर कार्यक्रम में हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहेंगे। मंदिर ट्रस्ट की तरफ से कार्यक्रम में शामिल होने के लिए सिलसिलेवार ढंग से निमंत्रण भेजा जा रहा है। देश की विपक्षी पार्टियों के नेताओं को भी इस खास कार्यक्रम में शामिल होने के लिए अयोध्या आने का निमंत्रण दिया गया है। कांग्रेस पार्टी की बात करें तो सोनिया गांधी, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और अधीर रंजन चौधरी को मंदिर ट्रस्ट ने आमंत्रित किया है। ऐसे में आपके मन में लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि कांग्रेस पार्टी के दो दिग्गज नेता प्रियंका गांधी और राहुल गांधी को इस कार्यक्रम का निमंत्रण क्यों नहीं मिला?
ये है वजह
अगर आपके मन में ये सवाल उठ रहा है तो आपको बता दें कि सोनिया गांधी को कांग्रेस पार्लियामेंट्री पार्टी (सीपीपी) की प्रमुख होने के नाते कार्यक्रम का निमंत्रण दिया गया है। वहीं मल्लिकार्जुन खड़गे को पार्टी के अध्यक्ष और अधीर रंजन चौधरी को सदन में विपक्ष का नेता होने के चलते कार्यक्रम में आमंत्रित किया है। दरअसल, राम मंदिर कार्यक्रम में तीन कैटेगरी के अंतर्गत सूची बनाकर निमंत्रण दिया गया है। इन तीनों कैटेगरी में राजनैतिक पार्टियों के अध्यक्ष, लोकसभा-राज्यसभा में विपक्ष के नेता और रामजन्मभूमि आंदोलन से (1984 से 1992) जुड़े लोगों को मंदिर ट्रस्ट ने न्योता भेजा है। राहुल गांधी केरल के वायनाड से सांसद हैं और प्रियंका गांधी पार्टी महासचिव हैं इसी वजह से कांग्रेस के इन दो प्रमुख चेहरों को कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया गया है।
सोनिया गांधी को कार्यक्रम का निमंत्रण देने के लिए राम मंदिर निर्माण कमेटी के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्रा खुद गए थे। वहीं कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को आमंत्रित करने के लिए विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष आलोक कुमार गए थे। मल्लिकार्जुन खड़गे राज्यसभा में विपक्ष के नेता भी हैं। लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी को भी कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया है। इसके अलावा जनता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष होने के नाते बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी राम मंदिर कार्यक्रम का निमंत्रण दिया गया है।
अखिलेश यादव और मायावती को भी जल्द निमंत्रण
टाइम्स ऑफ इंडिया ने राम मंदिर ट्रस्ट के सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश कुमार और बसपा प्रमुख मायावती को भी बहुत जल्द ही निमंत्रण भेजा जाएगा। हाल ही में अखिलेश यादव ने अब तक निमंत्रण नहीं मिलने के सवाल पर कहा था कि भगवान से बढ़कर कोई भी नहीं है और भगवान जिसे भी बुलाएंगे, वह अपने आप दौड़ते हुए चला जाएगा। बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवानी और मुरली मनोहर जोशी को भी कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया है। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक 22 जनवरी के कार्यक्रम में लगभग 7000 लोगों को निमंत्रण भेजा गया है जिसमें से करीब 3000 वीवीआईपी हैं।