नागपुर से चुनावी ललकार: संघ के गढ़ में राहुल की रैली, बीजेपी और आरएसएस पर जमकर साधा निशाना, जातिजनगणना से लेकर रोजगार तक का किया जिक्र
- कांग्रेस स्थापना दिवस पर राहुल की रैली
- आरएसएस के गढ़ से भरी लोकसभा चुनाव 2024 की हुंकार
- बीजेपी और आरएसएस पर रहे हमलावर
डिजिटल डेस्क, नागपुर। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पार्टी के 139वें स्थापना दिवस के मौके पर आरएसएस के गढ़ नागपुर में रैली को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने बीजेपी और आरएसएस पर जमकर हमला बोला। 'तैयार हैं हम' नाम से आयोजित हुई इस रैली में राहुल गांधी बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन और विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन के बीच की लड़ाई को विचारधारा की लड़ाई बताया। उन्होंने कहा कि देश में आज दो विचारधारा की लड़ाई है, विचार और सत्ता की लड़ाई है, इस लड़ाई की बुनियाद ही विचारधारा है।
कांग्रेस नेता ने भाजपा के संगठन पर हमला बोलते हुए कहा कि 'बीजेपी में राजाओं की विचारधारा है, जहां ऊपर से आए आदेश का पालन होता है जबकि हमारी पार्टी में लोकतंत्र है। यहां सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है।'
इस दौरान राहुल ने एक बीजेपी सांसद का जिक्र करते हुए बताया कि '''बीजेपी के कई सांसद मुझसे मिलते हैं। मुझसे एक बीजेपी का सांसद लोकसभा में छुपकर मिला, वह मुझसे कहता है कि बीजेपी में रहकर सहा नहीं जाता है। ऊपर से आदेश आता है, हमें पालन करना पड़ता है। चाहे अच्छा लगे या नहीं लगे। बीजेपी में गुलामी चलती है। जो ऊपर से कहा जाता है, वो बिना सोचे समझे करना पड़ता है।'' उन्होंने कहा, ''हमारे महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने सवाल किया कि जीएसटी से किसानों का क्या फायदा हुआ तो ये सवाल उन्हें अच्छा नहीं लगा। उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।''
बता दें कि लोकसभा चुनाव होने में अब कुछ ही महीनों का समय शेष बचा है ऐसे में राहुल की इस रैली को उनके प्रचार अभियान की शुरूआत के तौर पर देखा जा रहा है।
आरएसएस और बीजेपी पर हुए हमलावर
अपने संबोधन में राहुल गांधी ने देश के हित में किए गए कांग्रेस के कामों का भी हवाला दिया साथ ही कहा कि बीजेपी और आरएसएस देश को अंग्रेज के जमाने से भी पीछे ले जाना चाहते हैं। राहुल ने कहा, ''हमसे सवाल किया जाता है कि कांग्रेस ने क्या किया? आजादी से पहले देश में आते तो 500 से 600 से राजा मिलते और अंग्रेज मिलते। हिंदुस्तान की जनता को इस देश में कोई अधिकार नहीं था। गरीब व्यक्ति की जमीन राजा को अगर अच्छी लगी तो एक सेकंड में इसे लेकर वो चला जाता था। सारे के सारे अधिकार की रक्षा संविधान ने की है। इसको बाबासाहेब आंबेडकर, महात्मा गांधी औऱ जवाहरलाल नेहरू ने बनाया। आरएसएस और बीजेपी के लोग संविधान के खिलाफ थे, आज झंडा फहराते हैं, लेकिन कई सालों तक तिरंगे को सैल्यूट नहीं मारते थे।''
कांग्रेस नेता ने आगे कहा, ''सारे अधिकार संविधान से मिलते हैं। ये काम कांग्रेस ने किया है। हजारों साल के इतिहास में ये पहली बार किया गया। पहली बार एक वोट दिया गया। हमारी विचारधारा कहती है कि देश की लगाम हिंदुस्तान की जनता के पास होनी चाहिए है। पहले जैसे देश राजा चलाते थे, वैसे नहीं चलाया जाना चाहिए।''
बीजेपी पर लगाया राजशाही चलाने का आरोप
राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी में राजाओं की विचारधारा है और ऊपर से आए आदेश का बिना सोचे समझे पालन होता है जबकि, कांग्रेस में सभी को बोलने का अधिकार है। राहुल ने कहा कि बीजेपी में खुद उनके सांसदों की नहीं सुनी जाती। जो ऊपर से आदेश आता है उसका पालन करना पड़ता है। राहुल गांधी ने देश की अर्थव्यवस्था को कुछ प्राइवेट हाथों का गुलाम बनाने का भी आरोप एनडीए सरकार पर लगाया। कांग्रेस नेता ने कहा कि बीजेपी देश को अंग्रेज के जमाने से भी पीछे ले जाना चाहती है।
जातिगत जनगणना को लेकर कही ये बात
राहुल गांधी ने कहा कि, ''मैंने संसद में बीजेपी के लोगों से सवाल किया कि हिंदुस्तान को 90 लोग चलाते हैं। देश के अफसर है जो कि पूरे बजट को बांटते हैं। मैंने पूछा कि इनमें से ओबीसी कितने हैं, दलित कितने हैं और आदिवासी कितने हैं? इस सवाल पर बीजेपी के लोग चुप हो गए।''
उन्होंने कहा, '' आज देश में ओबीसी की कम से कम 50 फीसदी आबादी है। वहीं दलित की आबादी करीब 15 प्रतिशत है। आदिवासी की आबादी करीब 12 परसेंट है। 90 अफसर में तीन ओबीसी समाज से आते हैं, ऐसे में ये कैसी ओबीसी सरकार चल रही है।''
राहुल ने कहा कि 'इन सभी वजहों से मैंने जातिगत जनगणना का पक्ष लिया है। जब मैं कहता हूं कि जातिगत जनगणना होनी चाहिए तो ये सुनते ही पीएम मोदी का भाषण एकदम से बदल जाता है। जहां वो पहले कहते थे कि मैं ओबीसी हूं और अब कहने लगे कि भारत में एक ही जाति है। यही कारण है कि हमारे गठबंधन ने ये फैसला किया है कि जैसे ही हम सरकार में आएंगे तो सबसे पहले जाति जनगणना कराकर दिखाएंगे। '
सभी प्रमुख संस्थानों पर है बीजेपी का कब्जा
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रैली के दौरान देश की बड़ी संस्थाओं का भी जिक्र किया। राहुल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट हो या चुनाव आयोग या फिर कोई और संस्थान, ये सब जनता के हैं। लेकिन आज इन सब पर बीजेपी कब्जा कर रही है। वर्तमान में देश की सभी यूनिवर्सिटियों में वाइस चांसलर एक ही संस्था के हैं। उन्हें कुछ आता जाता भी नहीं है। ये वाइस चांसलर अब मैरिट के आधार पर नहीं बल्कि एक संगठन के सदस्य होने पर बनते हैं।
रोजगार नहीं दे पा रही है सरकार
रैली में रोजगार के मुद्दे पर भी राहुल गांधी ने मोदी सरकार को घेरने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि, 'मैं पूछना चाहता हूं कि पिछले 10 सालों में कितने लोगों को नौकरी मिली है? पिछले 40 साल में सबसे ज्यादा बेरोजगारी आज है जिसके कारण हिंदुस्तान के करोड़ों युवा की शक्ति आज बेकार जा रही है। आजकल युवा नौकरी करने की जगह 7 से 8 घंटे मोबाईल पर फेसबुक और इंस्टाग्राम चला रहा है।'