हेट स्पीच मामला: मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम मोदी को लिखा लेटर, कहा - 'आपके नेता राहुल गांधी को जान से मारने की धमकी दे रहे, उन पर लगाम लगाइए'
- मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम मोदी को लिखा लेटर
- राहुल गांधी के खिलाफ हेट स्पीच पर चिंता व्यक्त की
- पार्टी नेताओं पर लगाम लगाने की करी मांग
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आज 74वां जन्मदिन है। इस मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने उन्हें बधाई दी। साथ ही एक चिट्ठी भी लिखी है। जिसमें उन्होंने राहुल गांधी के खिलाफ हेट स्पीच पर चिंता व्यक्त की। कांग्रेस अध्यक्ष ने लिखा, 'भाजपा और सहयोगी दलों के नेताओं द्वारा लगातार राहुल गांधी के लिए बेहद आपत्तिजनक और हिंसक भाषा का इस्तेमाल किया जा रहा है। आपसे आग्रह है कि ऐसे नेताओं पर लगाम लगाएं।'
दरअसल, बीते दिनों बीजेपी के कई नेताओं ने राहुल गांधी के खिलाफ बयान दिया था। जिनमें एक केंद्रीय मंत्री और महाराष्ट्र में बीजेपी के सहयोगी दल शिवसेना (शिंदे गुट) के एक विधायक शामिल है। खड़गे ने इसे राजनीतिक पतन करार देते हुए प्रधानमंत्री से सख्त एक्शन लेने की मांग की है।
ऐसी भाषा भविष्य के लिए घातक
मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने पत्र में लिखा, 'सबसे पहले मैं आपको (पीएम नरेंद्र मोदी) जन्मदिन की हार्दिक बधाई देता हूं। इसके साथ ही ऐसे मुद्दे पर आपका ध्यान आकृष्ट कराना चाहता हूं जो सीधे लोकतंत्र और संविधान से जुड़ा हुआ है। आप अवगत होंगे कि लोक सभा में नेता प्रतिपक्ष श्री राहुल गांधी के ख़िलाफ़ बेहद आपत्तिजनक, हिंसक और अशिष्ट बयानों का सिलसिला चल रहा है। मुझे दुःख के साथ कहना पड़ता है कि भारतीय जनता पार्टी और आपके सहयोगी दलों के नेताओं ने जिस हिंसक भाषा का प्रयोग किया है, वह भविष्य के लिए घातक है। विश्व हैरान है कि केंद्र सरकार में रेल राज्य मंत्री, भाजपा शासित उत्तर प्रदेश के मंत्री, लोक सभा में प्रतिपक्ष के नेता को "नंबर एक आतंकवादी" कह रहे हैं। महाराष्ट्र में आपकी सरकार में सहयोगी दल का एक विधायक, नेता प्रतिपक्ष की "जुबान काट कर लाने वाले को 11 लाख रुपए का इनाम" देने की घोषणा कर रहे हैं। दिल्ली में एक भाजपा नेता एवं पूर्व विधायक, उनका "हश्र दादी जैसा" करने की धमकी दे रहे हैं।'
उन्होंने पत्र में आगे लिखा, 'भारतीय संस्कृति अहिंसा, सद्भाव और प्रेम के लिए विश्व भर में जानी जाती है। इन बिंदुओं को हमारे नायकों ने राजनीति में मानक के रूप में स्थापित किया। गांधीजी ने अंग्रेजी राज में ही इन मानकों को राजनीति का अहम हिस्सा बना दिया था। आजादी के बाद संसदीय परिधि में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच सम्मानजनक अहसमतियों का एक लंबा इतिहास रहा है। इसने भारतीय लोकतंत्र की प्रतिष्ठा को बढ़ाने का काम किया।'
लोकतांत्रिक इतिहास का अशिष्टतम उदाहरण
खड़गे ने कहा, 'कांग्रेस के करोड़ों कार्यकर्ता और नेता इस बात को लेकर बहुत उद्वेलित और चिंतित हैं। क्योंकि ऐसी घृणा फैलाने वाली शक्तियों के चलते राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, इंदिरा गांधी, और राजीव गांधी को शहादत देनी पड़ी है। सत्ताधारी दल का यह राजनीतिक व्यवहार लोकतांत्रिक इतिहास का अशिष्टतम उदाहरण है।'
कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे कहा, 'मैं आपसे अनुरोध और अपेक्षा करता हूँ कि आप कृपया अपने नेताओं पर अनुशासन और मर्यादा का अंकुश लगायें। उचित आचरण का निर्देश दें। ऐसे बयानों के लिए कड़ी कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि भारतीय राजनीति को पतनशील बनने से रोका जा सके। कोई अनहोनी न हो। मैं भरोसा करता हूं कि आप इन नेताओं को हिंसक बयानों को तत्काल रोकने के बारे में अपेक्षित कार्यवाही करेंगे।'
राहुल के इस बयान पर गरमाई सियासत
बीते दिनों राहुल गांधी अमेरिका के दौरे पर थे। वहां एक कार्यक्रम के दौरान राहुल से भारत में आरक्षण कब तक चलेगा, सवाल किया गया। जिसके जवाब में कांग्रेस नेता ने कहा था, "कांग्रेस तभी आरक्षण खत्म करने के बारे में सोचेगी, जब देश में सभी को समान अवसर मिलने लगेंगे। फिलहाल भारत में ऐसी स्थिति नहीं है।" साथ ही उन्होंने कहा था कि भारत में सिख समुदाय के बीच इस बात की चिंता है कि उन्हें पगड़ी, कड़ा पहनने की इजाजत दी जाएगी या नहीं।
उनके इस बयान पर देशभर में उनका विरोध हुआ था। खासकर बीजेपी और उसके सहयोगी दलों ने राहुल पर इस बयान को लेकर जमकर निशाना साधा। हालांकि राहुल गांधी का कहना है कि उनके बयान का गलत मतलब निकाला गया।