रामलला प्राण प्रतिष्ठा: सनातन के खिलाफ है प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम, इलाहाबाद हाईकोर्ट में हो रही है बैन की मांग, आखिर किसने दायर की हाईकोर्ट में याचिका ?

  • प्राण प्रतिष्ठा के खिलाफ हाईकोर्ट में दायर हुई याचिका
  • क्या होता है पूस का महीना?
  • समारोह में जाने के लिए शंकराचार्य ने रखी कठिन शर्त

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-17 12:33 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 22 जनवरी को अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का आयोजन होने जा रहा है। जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम पर बैन लगाने की मांग की जा रही है। याचिका में इस कार्यक्रम को सनातन के खिलाफ बताया गया है। याचिका उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में रहने वाले भोला दास ने दायर की है। खबर यह भी है कि ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम में जाने को तैयार हो गए हैं। मगर उन्होंने सरकार के सामने एक शर्त रखी है।

दायर याचिका में क्या कहा गया ?

यह याचिका उत्तर प्रदेश के भोला दास द्वारा की गई है। दायर याचिका में कहा गया कि प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम निमार्णधीन मंदिर में किया जा रहा है। ज्योतिष पीठ के शंकराचार्यों ने भी कार्यक्रम पर आपत्ति जताई है। अधूरे मंदिर में देवता विराजमान नहीं होते हैं। यह महीना पूस का है जिसमें ऐसे कार्यक्रमों को आयोजन नहीं किया जाता है।

क्या होता है पूस का महीना ?

सनातन के अनुसार, पूस का महीना किसी भी शुभ-मांगलिक कार्यों के लिए अशुभ होता है। शादी-विवाह, मुंडन, जनेऊ संस्कार, गृह प्रवेश, सगाई आदि जैसे कार्य इस में नहीं करना चाहिए। साथ ही मास-मदिरा से भी दूर रहना चाहिए। 27 दिसंबर 2023 से शुरु हुआ पूस का महीना 25 जनवरी 2024 को खत्म होगा। ऐसे में 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को सनातन के खिलाफ बताते हुए याचिका दायर की गई है।

शंकराचार्य क्यों हैं प्राण प्रतिष्ठा के खिलाफ ?

इस याचिका के दायर होने से पहले ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती समेत कुल तीन शंकराचार्यों ने भी प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में जाने से मना कर दिया था। अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा था। निमार्णधीन मंदिर में कार्यक्रम कराना उचित नहीं है। 22 जनवरी को होने वाली प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम शास्त्रों के भी खिलाफ है।

गोहत्या बंद हो जाएगी तो हम जरुर जाएंगे - शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा है कि अगर कार्य विधि- विधान से साथ किया जाएगा तो हम जरुर जाएंगे। आज देश में प्रभु राम को लेकर आने वाली गौ माता का वध हो रहा है और हम कुछ नहीं कर पा रहे हम अपने प्रभु के सामने अपना मुंह कैसे दिखा पाएंगे। सरकार को इस पर संज्ञान लेना चाहिए।

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