नई चुनौतियां: पीएम मोदी ने जी20 नेताओं से कहा, मध्य पूर्व में शांति बहाली में मदद के लिए तैयार है भारत
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जी 20 वर्चुअल शिखर सम्मेलन में उद्घाटन भाषण
- पश्चिम एशिया में इजरायल-हमास युद्ध से उभरी नई चुनौतियां
- सभी देशों के मिलकर काम करने की आवश्यकता
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को जी20 वर्चुअल शिखर सम्मेलन में अपने उद्घाटन भाषण में पश्चिम एशिया में इजरायल-हमास युद्ध के कारण उभरी नई चुनौतियों के समाधान खोजने के लिए सभी देशों के मिलकर काम करने की आवश्यकता को रेखांकित किया।
उन्होंने हमास नेतृत्व द्वारा 50 बंधकों की रिहाई का स्वागत किया और उम्मीद जताई कि अन्य बंधकों को भी जल्द रिहा कर दिया जाएगा। पीएम मोदी ने कहा कि आतंकवाद स्वीकार्य नहीं है और साथ ही नागरिकों की मौत की निंदा करनी होगी।
उन्होंने कहा, "भारत संघर्ष का समाधान खोजने और शांति बहाल करने के लिए संयुक्त प्रयासों में मदद के लिए तैयार है...आतंकवाद और हिंसा का विरोध करना होगा।" प्रधानमंत्री ने कहा कि युद्ध को क्षेत्र में फैलने से रोकने के लिए मिलकर काम करना महत्वपूर्ण है।
पीएम मोदी ने एआई (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) के दुरुपयोग पर भी चिंता जताई और समाज तथा लोगों के लिए डीपफेक से उत्पन्न खतरे से निपटने के लिए संयुक्त रूप से काम करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "एआई को जिम्मेदारी से पेश किया जाना चाहिए ताकि यह लोगों तक पहुंच सके लेकिन यह समाज के लिए सुरक्षित होना चाहिए।" प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की अध्यक्षता में जी20 ने बहुपक्षवाद में विश्वास बढ़ाया है और विकासशील तथा पिछड़े देशों में आने वाली समस्याओं को केंद्र में रखा गया है।
उन्होंने कहा, "विकासशील तथा पिछड़े देशों को उन कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है जिसके लिए वे ज़िम्मेदार नहीं हैं। इसलिए समय की ज़रूरत है कि उनके लिए विकास के एजेंडे का समर्थन किया जाए।" उन्होंने जरूरतमंद देशों को सहायता प्रदान करने के लिए बेहतर, प्रभावी और भविष्य के लिए तैयार सुधारों की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने कहा कि 2030 के सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) में तेजी लाई जानी चाहिए क्योंकि दुनिया जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए एकजुट हो रही है। आगामी सीओपी28 बैठक में ठोस कदम उठाने होंगे। पीएम मोदी ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि भारत की डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई) पहल, जो सामाजिक स्तर पर सेवाओं की डिलीवरी में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है, को स्वीकृति मिल गई है और कई देश जी20 में चर्चा में शामिल हुए हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत सामाजिक पहल को आगे बढ़ाने के लिए 2.5 करोड़ डॉलर का योगदान देगा और अन्य देशों को इस प्रयास में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि भारत का स्थानीय स्तर का आकांक्षी जिला कार्यक्रम करोड़ों लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में बेहद सफल रहा है। उन्होंने अन्य देशों को इस उदाहरण का साक्षात्कार करने के लिए आमंत्रित किया।
आईएएनएस
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