संसद बजट सत्र: ओवैसी ने लगाए बाबरी मस्जिद जिंदाबाद के नारे, आडवाणी और नरसिम्हा राव को भारत रत्न देने पर उठाए सवाल!

  • बजट सत्र का आज अंतिम दिन
  • राम मंदिर पर चर्चा में बोले ओवैसी
  • 1992, 2019, 2022 में मुसलमानों को धोखा दिया

Bhaskar Hindi
Update: 2024-02-10 11:15 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आज संसद में बजट सत्र का अंतिम दिन है। लोकसभा में इसकी शुरुआत सुबह 11 बजे से राम मंदिर निर्माण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के साथ हुई। इस दौरान एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन औवैसी ने अपनी बात रखी। उन्होंने मोदी सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा, 'क्या मोदी सरकार केवल एक धर्म की सरकार है? क्या मोदी सरकार सिर्फ हिन्दुत्व की सरकार है? क्या हमारे देश का कोई धर्म है? मेरा मानना है कि इस देश का कोई धर्म नहीं है। अपनी स्पीच के अंत में औवैसी ने दो बार बाबरी मस्जिद जिंदाबाद के नारे भी लगाए।

अयोध्या विवाद का जिक्र करते हुए औवैसी ने कहा, 'मोदी सरकार सिर्फ एक मजहब की सरकार है या पूरे देश के धर्मों को मानने वाली सरकार है? 22 जनवरी का जश्न मनाकर आप करोड़ों मुसलमानों को क्या मैसेज दे रहे हैं? क्या यह सरकार यह संदेश देना चाहती है कि एक धर्म ने दूसरे पर विजय प्राप्त की? आप देश के 17 करोड़ मुसलमानों को क्या संदेश देते हैं? 1992, 2019,  2022 में मुसलमानों को धोखा दिया, मैं बाबर, औरंगजेब, जिन्ना का प्रवक्ता नहीं हूं।' 

राम का सम्मान लेकिन....

ओवैसी ने कहा, '6 दिसंबर 1992 को देश में फसाद हुआ था। नौजवानों को जेल में डाला गया और वो बूढ़े होकर बाहर निकले। मैं भगवान राम का सम्मान करता हूं, लेकिन मैं नाथूराम गोडसे से नफरत करता हूं क्योंकि उसने उस व्यक्ति की हत्या की थी जिसके अंतिम शब्द हे राम थे।'

आडवाणी को भारत रत्न दिये जाने पर कही ये बात

राम मंदिर पर हो रही चर्चा के दौरान औवेसी ने लालकृष्ण आडवाणी और पीवी नरसिम्हा राव को देश का सर्वोच्च सम्मान दिए जाने पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, 'शिंदे गुट के नेता कह रहे हैं, कि जब बाबरी मस्जिद ढहाई गई उस वक्त तत्कालीन पीएम नरसिम्हा राव पूजा कर रहे थे।' एआईएमआईएम प्रमुख ने आगे कहा, जिस व्यक्ति (आडवाणी) ने रथ यात्रा निकाली, उसे देश का सर्वोच्च सम्मान दिया गया है। ये दिखाता है कि सरकार किस तरफ खड़ी है। इंसाफ जिंदा है या फिर जुल्म को बरकरार रखा जा रहा है।

पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए औवेसी ने कहा, "जब पीएम मोदी इस सदन में जवाब देंगे तो क्या भारत के 140 करोड़ जनता को जवाब देंगे या सिर्फ हिंदुत्व की फिक्र रखने वालों के लिए जवाब देंगे। मेरा इमान ये कहता है कि जिस जगह पर बाबरी मस्जिद थी, वो है और रहेगी।"

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