जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव: उमर अब्दुल्ला का मोदी सरकार को बड़ा चैलेंज, कहा - 'सरकार में साहस है तो चुनाव कराए'
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर में इस साल के सितंबर माह में विधानसभा चुनाव होने है। इसे लेकर गुरुवार को नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला का रिएक्शन सामने आया है। इसके अलावा उन्होंने जम्मू कश्मीर में आतंकी हमले समेत नीट पेपर लीक मामले पर भी अपनी बात रखी है। उमर अबदुल्ला ने कहा कि हाल ही में जम्मू क्षेत्र में आतंकवाद से निपटने के लिए और आतंकवादियों के नापाक इरादों को कमजोर करने के मद्देनजर राज्य में विधानसभा चुनाव कराना काफी महत्वपूर्ण है। उमर अब्दुल्ला ने श्रीनगर में पार्टी के एक कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बातचीत में कहा कि जम्मू कश्मीर में हालात सामान्य नहीं है।
उमर अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना
मीडिया से बातचीत के दौरान उमर अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा, "जम्मू कश्मीर में सामान्य स्थिति नहीं है। क्या यहां हालात 1996 से भी बदतर हैं? अगर हां, तो उन्हें चुनाव नहीं कराने चाहिए। अगर वे इन हमलावर ताकतों के सामने झुकना चाहते हैं, तो चुनाव न कराएं। अगर आपको हमारे सशस्त्र बलों और पुलिस की श्रेष्ठता साबित करने के बजाय उग्रवाद की सर्वोच्चता साबित करनी है, तो चुनाव न कराएं।"
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने राज्य के पूर्ववर्ती क्षेत्र के बारे में कहा कि यदि सरकार में हिम्मत है तो वह राज्य में चुनाव कराए। उन्होंने कहा, "अगर साहस नहीं है और डरे हुए हैं तो बेशक से चुनाव मत कराइये, लेकिन अगर आपको हमारी पुलिस और सेना की ताकत दिखानी है, अगर हमारे शासकों में थोड़ा साहस है तो वे देश विरोधी इन ताकतों के आगे घुटने क्यों टेक रहे हैं। समय पर चुनाव करवाए जाने चाहिए और जम्मू-कश्मीर के लोगों को अपनी सरकार खुद चुननी चाहिए।"
नीट पेपर लीक मामले पर कही ये बात
इस दौरान उमर अब्दुल्ला ने नीट एग्जाम के मुद्दे पर मीडियाकर्मियों से पूछ गए एक सवाल का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि परीक्षा को लेकर जल्द ही फैसला लेने की जरूरत है। उन्होंने कहा, "यह युवाओं के भविष्य के साथ अन्याय है। हमें उम्मीद है कि जल्द ही इस मामले में कोई निर्णय लिया जाएगा, चाहे वह जांच के माध्यम से हो या कोर्ट या सरकार के माध्यम से हो।"