ध्वजारोहण पर गरमाई दिल्ली की सियासत: आतिशी नहीं, कैलाश गहलोत फहराएंगे झंडा, उपराज्यपाल ने दी नाम को मंजूरी

  • दिल्ली ध्वजारोहण विवाद में नया मोड़
  • उपराज्यपाल ने कैलाश गहलोत के नाम को किया नामित
  • केजरीवाल ने आतिशी के नाम का दिया था प्रस्ताव

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-13 12:34 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में स्वतंत्रता दिवस पर झंडा फहराने पर हो रहे विवाद ने नया मोड़ ले लिया है। उपराज्यपाल (एलजी) विनय कुमार सक्सेना ने ध्वजारोहण के लिए दिल्ली सरकार में पर्यावरण एवं परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत को इसके लिए चुना है।

बता दें कि जेल में बंद दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने उनकी जगह मंत्री आतिशी को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर छत्रसाल स्टेडियम में होने वाले कार्यक्रम के दौरान झंडा फहराने की इच्छा जताई थी। इसके लिए उन्होंने जेल से ही पत्र भी लिखा था। लेकिन, दिल्ली सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने नियमों का हवाला देकर उसे खारिज कर दिया।

'छीना जा रहा चुनी हुई सरकार का हक'

इससे पहले आतिशी ने आरोप लगाया था कि उन्हें ध्वजारोहण करने से रोका जा रहा है। उन्होंने कहा, 'दिल्ली की चुनी हुई सरकार को राष्ट्रीय ध्वज फहराने के अधिकार से वंचित किया जा रहा है। नए वायसराय आए हैं, वे राष्ट्रीय ध्वज फहराना चाहते हैं।' दिल्ली सरकार में शिक्षा और पर्यटन मंत्री आतिशी ने उपराज्यपाल पर निशाना साधते हुए कहा था कि एलजी स्वंतत्रता दिवस पर झंडा फहराना चाहते हैं, जबकि राष्ट्रीय ध्वज को फहराना चुनी हुई सरकार का अधिकार है।

'दिल्ली में आए नए वायसराय' 

आतिशी ने उपराज्यपाल की तुलना वायसराय से करते हुए कहा कि 15 अगस्त को हम आजादी का जश्न मनाने के लिए झंडा फहराते हैं। आजादी से पहले देश पर अंग्रेजों का शासन था, वह अपनी मर्जी से शासन करते थे। आज जब दिल्ली की चुनी हुई सरकार को उसके झंडा फहराने के अधिकार से रोका जा रहा है तो ऐसा लगता है कि मानो दिल्ली में फिर से कोई नए वायसराय आ गए हैं।

'आदेश नहीं मान रहे अधिकारी'

आतिशी ने अधिकारियों द्वारा सीएम केजरीवाल के आदेश को न मानने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "दिल्ली में स्वतंत्रता दिवस पर चुनी हुई सरकार और मुख्यमंत्री को झंडा फहराने का अधिकार है लेकिन वह वह अभी न्यायिक हिरासत में हैं, तो उन्होंने मंत्री होने के नाते मुझे झंडा फहराने को कहा। इसके लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी ने पत्र लिखा और आदेश दिया कि 15 अगस्त को मंत्री होने के नाते मैं झंडा फहराऊं लेकिन अधिकारियों ने इस आदेश को भी मानने से इनकार कर दिया।"

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