मांझी के अलग होने पर नीतीश का तंज- साथ होते तो बीजेपी के गुप्तचर रहते
उन्होंने कहा कि जब वे मुझसे मिलने आए थे, तब मैनें कह दिया था कि या तो पार्टी को विलय कीजिए, नहीं तो महागठबंधन से जाइए। उन्होंने जाने का निर्णय किया, ठीक ही हुआ। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि 23 जून को विपक्षी दलों की बैठक होने वाली है। मांझी इस बैठक में भी शामिल होना चाहते थे। बैठक में सभी दल के लोग अपनी बात रखेंगे। मांझी साथ रहते तो यहां सुनकर सभी बात भाजपा को पहुंचा देते, इसलिए उससे पहले ही चले गए, ठीक हुआ। नीतीश कुमार ने यह भी कहा कि जीतन राम मांझी के जाने से महागठबंधन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। विपक्ष पूरी तरह एकजुट है। वहीं, जदयू विधायक रत्नेश सदा की तारीफ करते हुए कहा कि उसी दिन हमने तय कर लिया था कि रत्नेश सदा को मंत्री बनाया जाएगा। आज शपथ ग्रहण करा दिया गया।
(आईएएनएस)
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