बीजेपी का प्लान खत्म करेगा कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की सदस्यता? जानिए क्या है पार्टी का मास्टर प्लान
बीजेपी का मास्टरस्ट्रोक बीजेपी का प्लान खत्म करेगा कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की सदस्यता? जानिए क्या है पार्टी का मास्टर प्लान
डिजिटल डेस्क नई दिल्ली। बीते कुछ दिनों से कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी के लिए कुछ खास नहीं रहा है। जहां लंदन में दिए गए बयान पर सत्ताधारी पार्टी उनसे संसद में देश की जनता से माफी मांगने की बात कर रही है। वहीं इसी बीच भाजपा सांसद ने राहुल गांधी के लिए एक और नई मुसीबत खड़ी कर दी है।
दरअसल, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी वायनाड से सांसद हैं। इस बीच बीजेपी के एक सांसद ने आरोप लगाया है कि राहुल ने बिना स्पीकर ओम बिरला को सूचित किए पीएम मोदी पर निराधार आरोप लगाएं हैं। इसी को लेकर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने राहुल गांधी के खिलाफ विशेष समिति बनाने की मांग की है। अगर इस विशेष समिति का गठन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला कराने की मंजूरी दे देते हैं तो सांसद राहुल गांधी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। वहीं अगर इस समिति के जांच में वो दोषी पाए जाते हैं तो उनकी लोकसभा सदस्यता भी खत्म हो सकती है।
निशिकांत दुबे का प्लान
इस पूरे मामले को लेकर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को एक पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने साल 2005 का जिक्र करते हुए राहुल गांधी के खिलाफ विशेष समिति बनाने की मांग की है। लेटर में साल 2005 के घटनाक्रम का हवाला देते हुए दुबे ने कहा है कि साल 2005 में "कैश फॉर क्वेरी स्कैंडल" में विशेष समिति का गठन हुआ था। इस समिति के गठन के बाद पता चला था कि कैसे ग्यारह सांसदों ने लोकसभा कार्यवाही के दौरान सदन की गरिमा को तार-तार किया था। जिसमें वो साफ तौर पर दोषी पाए गए थे, जिसके बाद तत्कालिन अध्यक्ष महोदय ने अहम फैसला लेते हुए सभी सांसदों की सदस्यता रद्द कर दी थी। उन्होंने आगे कहा कि इस पूरे घटना को सुप्रीम कोर्ट ने भी उचित ठहराया था। बता दें कि, निशिकांत दुबे ने ओम बिरला के पास लोकसभा प्रकिया और कार्य संचालन के नियम 223 के तहत यह पत्र लिखा है।
क्या है लोकसभा 223 के नियम?
लोकसभा 223 के नियम के मुताबिक, कोई भी सदस्य को लगता है कि सदन में मौजूद अन्य सदस्य ने लोकतंत्र के मंदिर में गलत बयानबाजी की है और यह पूरी तरह असवैंधानिक है तो उसके खिलाफ लोकसभा में विशेषाधिकार समिति का गठन करने की मांग कर सकता है। इसके लिए उसे लोकसभा अध्यक्ष को पूरे घटनाक्रम के बारे में बताना होता है। जिसके बाद से स्पीकर तमाम मामलों को देखते हुए समिति बनाने की मंजूरी देते हैं। यह समिति जिसने आरोप लगाया है उसकी और आरोपित सदस्य की निष्पक्ष जांच करती हैं। जिसके बाद यह अपनी रिपोर्ट एक महीने के अंदर स्पीकर को सौंप देती है। इसके बाद इसका फैसला लोकसभा स्पीकर के हाथ में होता है। अगर इस पूरी घटना में सांसद दोषी पाया जाता है तो इस नियम के तहत उस पर कार्रवाई होने की पूरी-पूरी संभावना होती है।
राहुल को घेरने में लगी बीजेपी
भारतीय जनता पार्टी लोकसभा में इसी समिति को हथियार बनाकर राहुल गांधी को घेरना चाहती है। यह पहली बार नहीं है जब सांसद के खिलाफ लोकसभा में किसी विशेष समिति के गठन की चर्चा हुई है। इससे पहले साल 2005 में कैश फॉर क्वेरी मामले में 11 सांसदों को अपनी सदस्यता से हाथ धोना पड़ा था। बता दें कि, इन सासंदों पर आरोप था कि इन्होंने सदन में पैसे लेकर सवाल पूछे थे। इस मामले को लेकर तत्कालीन कांग्रेस सांसद पवन कुमार बंसल ने लोकसभा अध्यक्ष से एक विशेष समिति के गठन की मांग की थी। जिसके बाद अध्यक्ष महोदय ने जांच कराने के लिए विशेष समिति की मंजूरी भी दे दी थी। जांच में सभी सांसदों को दोषी पाया गया था और लोकसभा अध्यक्ष ने सभी ग्यारह सदस्यों की सदस्यता रद्द कर दी थी।
इस बीच बीजेपी अब राहुल को इस मुद्दे पर घेरना का प्लान बना रही है। बीजेपी नेता निशिकांत दुबे ने राहुल गांधी पर लोकसभा अध्यक्ष को बिना बताए पीएम नरेंद्र मोदी पर निराधार बातें, गलत तथ्य और बदनाम करने की मंशा से लोकसभा के नियम 352 के उल्लंघन का आरोप लगाया है।
क्या कहता है नियम 352?
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि राहुल गांधी ने लोकसभा के नियम 352 का अनादर किया है। बिना सूचना दिए हुए उन्होंने सदन में अनुपस्थित सदस्य के बारे में गलत तथ्य रखें जो काफी शर्मनाक है। बता दें कि, लोकसभा संसदीय 352 के नियम के मुताबिक, अगर कोई सदस्य सदन में अनुपस्थित है और इस सदस्य को लेकर कोई दूसरा सदस्य चर्चा करना चाहता है तो लोकसभा अध्यक्ष से वो अनुमति मांग कर विस्तार पूर्वक चर्चा कर सकता है। यदि उसके गैरहाजरी में कोई सांसद बिना तथ्य और भ्रामक जानकारी इस सांसद के खिलाफ सदन के पटल पर रखता है तो उस पर कार्रवाई की जा सकती है। दुबे ने सुब्रमण्यम स्वामी का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने भी सभापति से किसी भी प्रकार की कोई अनुमति नहीं मांगी थी, जिसके बाद उन्हें राज्यसभा सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया था। वहीं अब इसी मामले को ढाल बनाकर बीजेपी कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता को खत्म कराने में जुट गई है।
सुब्रमण्यम स्वामी की भी सदस्यता हो चुकी है रद्द
साल 2005 से पहले भी एक बार ऐसी ही घटना राज्यसभा में घट चुकी है। मौजूदा समय में भाजपा के कद्दावर नेता सुब्रमण्यम स्वामी की सदस्ता साल 1976 में रद्द कर दी गई थी। जिसका कारण रहा कि उन्होंने बिना सदन की गरिमा बनाए हुए यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका और कनाडा पर आपत्तिजनक बयान दे दिया था। जिसके बाद उनके विरोधी दलों ने उनके खिलाफ विशेष समिति गठन करने की मांग की थी, जिसमें स्वामी को दोषी पाया गया था और उन्हें अपनी सदस्यता से हाथ धोना पड़ा था।