समाजवादी पार्टी में क्यों इकट्ठा हो रहा है बीजेपी कांग्रेस बसपा के बागी नेताओं का कुनबा

साइकिल सत्ता समाजवादी पार्टी में क्यों इकट्ठा हो रहा है बीजेपी कांग्रेस बसपा के बागी नेताओं का कुनबा

Bhaskar Hindi
Update: 2022-01-11 09:34 GMT
समाजवादी पार्टी में क्यों इकट्ठा हो रहा है बीजेपी कांग्रेस बसपा के बागी नेताओं का कुनबा
हाईलाइट
  • शक्ति यात्रा से संगठन की मजबूती और सत्ता की गद्दी

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। समाजवादी पार्टी ने 5 अगस्त से साइकिल यात्रा की शुरूआत कर मिशन 2022 का आगाज किया था।  लखनऊ से शुरू हुई इस साइकिल शक्ति समर्थन यात्रा का प्रारंभ अखिलेश यादव ने स्वयं किया था। उन्होंने इस शक्ति प्रदर्शन से यूपी विधानसभा चुनावों में 400 से अधिक सीट जीतने का दावा ठोंका था। उनके दावे और साइकिल की तेज रफ्तार के बाद तकरीबन हर पार्टी से नेता समाजवादी पार्टी में शामिल हो रहे हैं।

यूपी चुनाव से पहले सपा ने बीजेपी, कांग्रेस और बसपा को झटका दिया है। बीजेपी, कांग्रेस और बसपा के कई नेता पार्टी में शामिल हो गए हैं। बसपा से लेकर कांग्रेस और अब बीजेपी के कई बड़े दिग्गज नेता भाजपा छोड़कर अखिलेश के साथ सपा में आ रहे हैं। आज योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री  स्वामी प्रसाद मौर्य ने बीजेपी पार्टी छोड़कर सपा का दामन थाम लिया है।  इसे बीजेपी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। विरोधी पार्टियों के बड़े बड़े नेता सपा में शामिल होकर अखिलेश की चुनावी शक्ति को बढ़ा रहे हैं। अखिलेश की जनशक्ति यात्रा अब सूबे की सत्ता शक्ति के तौर पर देखी जा रही है। हर छोटे दल से गठबंधन कर चुनावी मैदान में उतरने वाली सपा अब तमाम बागी नेताओं के बलबूते पर सियासत की विजय यात्रा निकालेगी। फिलहाल तो ये चुनाव के नतीजे ही तय करेंगे।

साइकिल पर सवार हुए तमाम नेता

भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा अध्यक्ष और हरदोई जिलाध्यक्ष अरुण कुमार मौर्य, बलरामपुर से पूर्व सांसद रिजवान जहीर और उनकी बेटी जेबा रिजवान और बहराइच से भारतीय जनता पार्टी  की मौजूदा विधायक माधुरी वर्मा , पूर्व बसपा सांसद राकेश पांडे,  पूर्व विधान परिषद सदस्य कांति सिंह, प्रतापगढ़ से पूर्व विधायक बृजेश मिश्रा और विशाल जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीरबल सिंह कश्यप ने सपा की साइकिल पर सवार हुए।

कांग्रेस के दिग्गज नेता और उरई से दो बार के विधायक विनोद चतुर्वेदी ने पार्टी छोड़ सपा का दामन थाम लिया,  उससे पहले बीएसपी  विधायक लालजी वर्मा  और राम अचल राजभर ने समाजवादी पार्टी में आए। जिसे  बीएसपी के लिए तगड़ा झटका माना गया। दोनों नेता कई बार कैबिनेट मंत्री रहे। राम अचल राजभर बसपा के प्रदेश अध्यक्ष थे। लाल जी वर्मा बीएसपी विधायक दल के नेता थे।

पश्चिमी यूपी से कांग्रेस को  झटका देते हुए इमरान मसूद सपा में शामिल हुए। उन्होंने अखिलेश यादव का समर्थन करते हुए कहा कि सपा नौजवानों व किसानों के लिए काम करने वाली पार्टी है।  प्रदेश में सपा सरकार के समय बड़े विकास कार्य हुए।  इससे पहले बुंदेलखंड के कांग्रेस प्रभारी व पूर्व विधायक गयादीन अनुरागी ने सपा का दामन थाम लिया।

नेताओं के लगातार सपा में शामिल होने से राजनीतिक गलियारों में सपा की मजबूती की बात की जा रही है। बीजेपी और कांग्रेस के बागी नेताओं  को अब लगने लगा कि साइकिल के सहारे ही अब यूपी की सत्ता में बदलाव आ सकता है।  हालांकि कौन कितनी सीटें जीतेगा इसका फैसला तो जनता की मतदान अदालत से निकलेगा।  


 

 

 

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