प्रत्याशियों की लिस्ट जारी करने से क्यों डर रहे हैं अखिलेश यादव?
यूपी विधानसभा चुनाव 2022 प्रत्याशियों की लिस्ट जारी करने से क्यों डर रहे हैं अखिलेश यादव?
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। यूपी विधानसभा चुनाव होने में कुछ ही दिन बचे हैं। पहले चरण के चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया चल रही है। बीजेपी व कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है लेकिन यूपी में मुख्य विपक्षी दल मानी जा रही सपा पार्टी अभी तक अपने उम्मीदवारों के नामों को सार्वजनिक नहीं की है। बता दें कि बीजेपी ने 107 उम्मीदवारों व कांग्रेस ने 125 उम्मीदवारों की लिस्ट पहली लिस्ट जारी कर दी है। सपा ने सार्वजिक तौर पर लिस्ट जारी नहीं की है बल्कि प्रत्याशियों को सिंबल के लिए जरूर फॉर्म ए और बी दे रही है।
उम्मीदवारों के नाम जारी न करने के पीछे सपा की रणनीति
आपको बता दें कि पहले चरण की सीटों के लिए सपा के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के नाम का ऐलान पार्टी की तरफ से नहीं किया गया है बल्कि आरएलडी ने अपने कैंडिडेटों के साथ उनके नाम की घोषणा की है। ऐसे में सवाल उठता है कि सपा किन वजहों के कारण अपने प्रत्याशियों के नाम को नहीं सार्वजनिक नहीं कर रही है और गठबंधन दलों के साथ सीट घोषणा नहीं कर रही है। इसको लेकर समाजवादी पार्टी की सोची समझी रणनीति मानी जा रही है।
माना जा रहा है कि सपा किसी तरह के सियायी विवाद से बचने के लिए टिकटों का ऐलान नहीं कर पा रही है। आपको बता दें कि अबकी बार विधानसभा चुनाव से पहले दूसरे दलों से समाजवादी पार्टी में नेताओं का हुजूम आया है। सपा के टिकट पर एक-एक सीट पर कम से कम से दस-दस नेता दोवेदार हैं। ऐसे में सभी नेता ओं को उम्मीद हैं कि पार्टी उन्हें टिकट देगी लेकिन सपा को नए व पुराने नेताओं में बैलेंस बनाकर चलना पड़ता है।
कई दिग्गज नेताओं का सपा ने काटा टिकट
आपको बता दें कि इमरान मसूद, मसूद अख्तर, कादिर राणा, चौधरी विरेंद्र सिंह, हाजी शाहिद अखलाफ व गुड्डू पंडित ने अपनी-अपनी पार्टी छोड़कर सपा का दामन जरूर थामा, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिल पाया। आखिर वक्त में ये नेता बीच मझधार में फंसे हुए हैं। अब इन सारे नेताओं के पास कोई सियासी विकल्प नहीं बचा, जिससे वो चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमा सकें।
कहा जा रहा है कि सपा की ये रणनीति है कि जो नेता दूसरे पार्टी को छोड़कर सपा का दामन थामे हैं, वो किसी तरह से दूसरे पार्टी में जाकर चुनाव लड़ने की स्तिथि में न रहें। सपा ने जिन नेताओं को फॉर्म ए व बी दे दिया है या फिर जिन्हें टिकट मिलना हैं। उन्हें अखिलेश यादव ने कहा कि वह क्षेत्र में जाकर चुनाव प्रचार-प्रसार करें, लखनऊ में भीड़ न लगाएं। उनके पास नामांकन से पहले फॉर्म ए और बी पहुंच जाएगा।