एमसीडी चुनाव के बाद किसके सिर बंधेगा जीत का सेहरा? मेयर पद के लिए इन नामों की चर्चा तेज

एमसीडी चुनाव- 2022 एमसीडी चुनाव के बाद किसके सिर बंधेगा जीत का सेहरा? मेयर पद के लिए इन नामों की चर्चा तेज

Bhaskar Hindi
Update: 2022-12-06 13:25 GMT
एमसीडी चुनाव के बाद किसके सिर बंधेगा जीत का सेहरा? मेयर पद के लिए इन नामों की चर्चा तेज

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बीते रविवार को दिल्ली में दिल्ली नगर निगम चुनाव का मतदान हो चुका है। इसके नतीजे बुधवार को आएंगे। लेकिन पिछले 15 वर्षों से एमसीडी पर कब्जा जमाने वाली बीजेपी, इस बार भी अपना दबदबा बनाए रखेगी या फिर आम आदमी पार्टी जीत की परचम लहराएगी। हालांकि, इन सभी के बीच अब जनता ये जानने की कोशिश कर रही है कि इस बार दिल्ली का मेयर कौन होगा? तो आइए जानते है कि बीजेपी व आप की ओर से मेयर पद के लिए किन उम्मीदवार के नामों की चर्चा तेज है। 

इन नामों की चर्चा तेज

इंडिया टुडे एक्सिस-माइ इंडिया के एग्जिट पोल अगर सही साबित हुई तो आम आदमी पार्टी की बल्ले-बल्ले हो जाएंगी। राजधानी दिल्ली की कमान अरविंद केजरीवाल के हाथ में तो है ही साथ ही दिल्ली के एमसीडी पर आप का ही कब्जा हो जाएगा। मीडिया रिर्पोट्स के मुताबिक, आप के पक्ष में एग्जिट पोल आते ही दिल्ली के नए मेयर पद का चर्चा पार्टी में होने लगा है।

सूत्रों की माने तो दो मेयर पद की रेस में दो नाम सबसे आगे चल रहे हैं। जिसमें निर्मला देवी और शालिनी सिंह को नाम सबसे आगे है। वहीं निर्मला देवी आम आदमी पार्टी के महिला इकाई की प्रदेश संयोजक हैं। हालांकि, 7 दिसंबर को नतीजे आने के बाद ही तस्वीरें साफ हो पाएगी कि दिल्ली के नगर निगम की कुर्सी पर कौन सी पार्टी का पार्षद बैठेगा। 

ऐसे होता है मेयर का चुनाव

सबसे पहले चुनावी नतीजे घोषित किए जाते हैं। उम्मीदवार के चुनाव जीतते ही पार्षद की भूमिका में आ जाता है, जिनका कार्यकाल 5 वर्षों तक रहता है। मेयर का चुनाव जनता के चुने हुए प्रतिनिधि पार्षद करते हैं। मेयर महज एक साल के लिए चुने जाते हैं। दिल्ली के 250 वार्डों पर हुए निकाय चुनाव में जीते पार्षद ही मेयर का चुनाव करते हैं। दरअसल दिल्ली की जनता सीधे तौर पर अपना मेयर नहीं चुनती बल्कि पहले वो पार्षद का चुनाव करते हैं। उसके बाद कुल पार्षद दिल्ली के मेयर का चुनाव करता हैं।

एमसीडी के पांच साल के कार्यकाल में सबसे पहले महिला पार्षद को ही मेयर बनाया जा सकता है। आरक्षण की वजह से पहले साल में कोई महिला ही मेयर हो सकती है। दिल्ली नगर निगम एक्ट के मुताबिक, तीसरे साल किसी अनुसूचित जाति का पार्षद ही मेयर बन सकता है। पहले व तीसरे साल के लिए मेयर चुनाव में आरक्षण का प्रावधान है। क्या आपको पता है मेयर को कैसे व कौन चुनता है? मेयर का कार्यकाल कितने दिनों के लिए होता है? अगर आप नहीं जानते तो चलिए हम बताते है कि इनका कार्यकाल व इन्हें कौन चुनता है।    

बीजेपी का सूपड़ा साफ?

गौरतलब है कि 5 दिसंबर को इंडिया टुडे एक्सिस माइ इंडिया ने एमसीडी चुनाव को लेकर एग्जिट पोल जारी किया। जिसमें आम आदमी पार्टी दिल्ली एमसीडी पर कब्जा करती हुई नजर आ रही है। एग्जिट पोल के अनुसार 250 सीटों पर हुए चुनाव में आप को 149 से 171 सीटें मिलने का अनुमान है। तो वहीं भाजपा को 69-91 सीटें मिल सकती हैं। साथ ही कांग्रेस को सिर्फ 3-7 सीटें मिलती दिख रही हैं। इसके अलावा अन्य के खाते में 5-9 सीटें जाने का अनुमान है।

वहीं चुनाव हो जाने के बाद उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद हो चुकी है। निकाय चुनाव के सही नतीजे बुधवार 7 दिसंबर को जारी किए जाएंगे। अब देखना होगा कि जो एग्जिट पोल जारी किया गया है। वैसा ही रहता है या कुछ बड़ा उलट फेर हो सकता है। हालांकि, चुनाव के नतीजे घोषित तो नहीं किए गए हैं लेकिन लोगों ने चर्चा शुरू कर दिए हैं कि आखिर दिल्ली का नया मेयर कौन होगा? 


 

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