राजस्थान की सियासत में ओवैसी की एंट्री से किसको होगा कितना नुकसान, समझें एआईएमआईएम का 'प्लान 30'

राजस्थान में ओवैसी राजस्थान की सियासत में ओवैसी की एंट्री से किसको होगा कितना नुकसान, समझें एआईएमआईएम का 'प्लान 30'

Bhaskar Hindi
Update: 2023-02-16 13:23 GMT
राजस्थान की सियासत में ओवैसी की एंट्री से किसको होगा कितना नुकसान, समझें एआईएमआईएम का 'प्लान 30'

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। साल के अंत तक राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। सभी पार्टियों ने प्रदेश में तैयारियां तेज कर दी हैं। इस बीच ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन(एआईएमआईएम) ने ऐलान किया है कि वह इस साल राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव में हिस्सा लेंगे। असदुद्दीन ओवैसी की एंट्री से राजस्थान की राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है। इसके लिए अभी से ओवैसी की पार्टी ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। असदुद्दीन ओवैसी भरतपुर और टोंक में 18-19 फरवरी को रैली करेंगे और जनता के सामने अपनी राय रखेंगे। पिछले साल जब ओवैसी राजस्थान गए थे, तभी से इस बात की अटकलें लगाई जाने लगी थीं कि ओवैसी राज्य में चुनाव लड़ने वाले हैं।  

पार्टी के पदाधिकारियों के मुताबिक, ओवैसी शनिवार को भरतपुर के कामा में जनसभा को संबोधित करने वाले हैं। ओवैसी अपने दौरे की शुरूआत अलवर के तापुकड़ा से करने वाले हैं। जहां वह पार्टी दफ्तर का उद्धाटन करेंगे। साथ ही वह रामगढ़ में एक जनसंपर्क अभियान चलाने की तैयारी में है। एआईएमआईएम के प्रदेश संयोजक जमील खान ने मीडिया से कहा कि रविवार को ओवैसी टोंक के गांधी मैदान में जनसभा को संबोधित करेंगे। 

इन क्षेत्रों पर पार्टी का फोकस

प्रदेश संयोजक ने बताया कि, पार्टी ने ओवैसी के अलवर-भरतपुर दौरे पर मेवात क्षेत्र की छह सीटों को भी कवर करने का लक्ष्य रखा है, जिनमें कामा, रामगढ़ नगर और तिजारा आते हैं। उन्होंने बताया कि पार्टी ने इन क्षेत्र में चुनाव लड़ने की तैयारी की है। जमील खान ने कहा कि राजस्थान में पार्टी के कार्यकर्ताओं ने 30 सीटों की पहचान की है, जहां से पार्टी विधानसभा चुनाव में अपने उम्मीदवार को उतारेगी। खान ने कहा कि पार्टी राजधानी जयपुर के आदर्श नगर, किशनपोल और हवामहल के अलावा जोधपुर के सूरसागर और बाड़मेर, जैसलमेर, सीकर, झुंझनू, नागौर, टोंक, सवाईमाधोपुर, अलवर, और भरतपुर आदि क्षेत्रों पर फोकस कर रही है।

कांग्रेस पर कसा तंज 

जमील खान ने पार्टी की रणनीति का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी पार्टी अल्पसंख्यक, विकास और शिक्षा के मुद्दों पर फोकस कर रही हैं। कांग्रेस पर तंज कसते हुए प्रदेश संयोजक जमील खान ने कहा कि, 2018 विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने बड़े-बड़े वादे किए थे, लेकिन टोंक में विकास का अभाव है। टोंक की जनता को सचिन पायलट से किसी भी तरह का लाभ नहीं मिला। उन्होंने कहा कि, मेवात की स्थिति जस की तस बनी हुई है। बता दें कि, सचिन पायलट टोंक से विधायक हैं। 

कांग्रेस को हो सकता है नुकसान

राजस्थान में हर पांच साल बाद सता बदल जाने की प्रथा है। हालांकि कांग्रेस इस प्रथा को खत्म करके एक बार फिर राज्य में सरकार बनाने की कोशिश में जुटी हुई है। ऐसे में ओवैसी उनकी चिंता बढ़ा सकते हैं। ओवैसी यदि 30 सीटों पर मुस्लिम वोटर्स के बीच सेंध लगाने में कामयाब हो जाते हैं तो कांग्रेस का समीकरण बिगड़ सकता है। पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने 15 मुस्लिम उम्मीदवार उतारे थे। जिसमें उन्होंने 7 सीटों पर जीत हासिल की थी। राजस्थान में ओवैसी की एंट्री से कौन-सी पार्टी को कितना फायदा होगा, ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा।


 

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