वोटर्स डेटा विवाद : कांग्रेस ने चुनाव आयोग के फैसले का किया स्वागत, बोम्मई के खिलाफ एफआईआर की मांग
कर्नाटक सियासत वोटर्स डेटा विवाद : कांग्रेस ने चुनाव आयोग के फैसले का किया स्वागत, बोम्मई के खिलाफ एफआईआर की मांग
डिजिटल डेस्क, बेंगलुरू। कर्नाटक कांग्रेस के प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने शनिवार को मतदाता सूची में नाम जोड़ने की समीक्षा के लिए चुनाव आयोग की त्वरित कार्रवाई का स्वागत किया और दो अतिरिक्त जिला चुनाव अधिकारियों को निलंबित कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया, चिलूम ट्रस्ट और चिलूम एंटरप्राइजेज को बोम्मई सरकार ने बेंगलुरू की सभी 28 विधानसभाओं के लिए मतदाताओं का डेटा एकत्र करने के लिए अधिकृत किया था। उन्होंने अवैध रूप से मतदाताओं के व्यक्तिगत डेटा एकत्र किए और इसे एक निजी ऐप पर अपलोड किया।
उन्होंने आरोप लगाया, चिलूम ट्रस्ट और चिलूम एंटरप्राइजेज को बोम्मई सरकार ने बेंगलुरू की सभी 28 विधानसभाओं के लिए मतदाताओं का डेटा एकत्र करने के लिए अधिकृत किया था। उन्होंने अवैध रूप से मतदाताओं के व्यक्तिगत डेटा एकत्र किए और इसे एक निजी ऐप पर अपलोड किया। चुनाव आयोग द्वारा वोट धोखाधड़ी में किसी भी निष्पक्ष जांच को सभी 28 विधानसभाओं को कवर करना है। चिल्मे ने लगभग 10,000 कर्मचारियों को काम पर रखा और डेटा संग्रह के काम को कई एजेंसियों को उप-ठेके पर दे दिया, जो अवैध रूप से चोरी हो गया था।
सुरजेवाला ने कहा, ऐसा करने के लिए करोड़ों का निवेश किया गया। पैसा कहां से आया? इस अवैध ऑपरेशन को किसने वित्तपोषित किया? उन्होंने कहा, नए खुलासे से पता चलता है कि चिलूम के रविकुमार ने भी निर्दोष ग्रामीणों के विविध खातों में केंद्र सरकार से भुगतान प्राप्त किया था और उसे वापस ले लिया था, जो एक बड़े मनी लॉन्ड्रिंग रैकेट और सरकारी खजाने को धोखा देने का संकेत देता है।
चुनाव आयोग को जांच करनी चाहिए और ईडी और आयकर विभाग को घोटाले की जांच करने का निर्देश देना चाहिए। उन्होंने कहा, उपरोक्त सभी चीजें लोकतंत्र की पवित्रता को बनाए रखने के लिए अनिवार्य हैं क्योंकि चुनावी प्रक्रिया को भ्रष्ट करने की बोम्मई सरकार की भयावह योजना रंगे हाथों पकड़ी गई है। उन्होंने कहा, लोकतंत्र और हर कन्नडिगा के मतदान के अधिकार की रक्षा करने की जिम्मेदारी चुनाव आयोग और हममें से प्रत्येक की है।
(आईएएनएस)
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