योग, आयुर्वेद को धर्म से जोड़ना दुर्भाग्यपूर्ण : राष्ट्रपति

मध्यप्रदेश योग, आयुर्वेद को धर्म से जोड़ना दुर्भाग्यपूर्ण : राष्ट्रपति

Bhaskar Hindi
Update: 2022-05-28 09:30 GMT
योग, आयुर्वेद को धर्म से जोड़ना दुर्भाग्यपूर्ण : राष्ट्रपति
हाईलाइट
  • मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने उनका भव्य स्वागत किया।

डिजिटल डेस्क, भोपाल। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को कहा कि आयुर्वेद और योग को किसी खास धर्म या समुदाय से जोड़ना दुर्भाग्यपूर्ण है। राष्ट्रपति कोविंद ने आरोग्य भारती द्वारा आयोजित आरोग्य मंथन कार्यक्रम वन नेशन वन हेल्थ सिस्टम का उद्घाटन करते हुए यह अवलोकन किया।

राष्ट्रपति ने नागरिकों को स्वस्थ बनाने के समग्र ²ष्टिकोण के साथ संगठित तरीके से काम करने के लिए आरोग्य भारती की सराहना की। कोविंद ने कहा, जब हर व्यक्ति स्वस्थ होगा, तो सभी परिवार स्वस्थ होंगे। अगर प्रत्येक परिवार स्वस्थ होगा तो हर गांव और हर शहर स्वस्थ होगा और इस तरह पूरा देश स्वस्थ रहेगा।

राष्ट्रपति ने कहा कि वर्ष 2017 में घोषित राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति के तहत सरकार का लक्ष्य गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं को सस्ती कीमत पर सभी के लिए सुलभ बनाना है। उन्होंने कहा, इस नीति का उद्देश्य सभी के लिए व्यापक और समग्र तरीके से स्वास्थ्य सुविधाओं की व्यवस्था भी करना है।उन्होंने आगे कहा कि इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सरकारी और निजी क्षेत्र के संस्थानों की भागीदारी के साथ-साथ समाज के सभी वर्गो, विशेषकर जागरूक नागरिकों का सहयोग आवश्यक है।

इस बीच, राष्ट्रपति ने कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ने के प्रयासों के लिए दुनिया भर के वैज्ञानिकों का भी आभार व्यक्त किया। पिछले ढाई वर्षो से, दुनिया अभूतपूर्व कोविड-19 महामारी से पीड़ित है। दुनिया भर के डॉक्टरों और वैज्ञानिकों ने अपने शोध और प्रयासों से लोगों की जान बचाई। मैं वैज्ञानिकों का आभार व्यक्त करता हूं।राष्ट्रपति का मध्य प्रदेश का तीन दिवसीय दौरा शुक्रवार शाम राज्य की राजधानी भोपाल पहुंचने के साथ शुरू हुआ। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने उनका भव्य स्वागत किया।

शनिवार को राष्ट्रपति मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में 154 करोड़ रुपये की लागत से 10 शहरी स्वास्थ्य संस्थान भवनों का भूमि-पूजन करेंगे और 72 करोड़ रुपये की लागत से चार स्वास्थ्य संस्थानों के नवनिर्मित भवनों का लोकार्पण करेंगे। साथ ही वह 55 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे 182 बिस्तरों वाले रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ रेस्पिरेटरी डिजीज का भूमि-पूजन भी करेंगे। राष्ट्रपति आयुर्वेद महासम्मेलन में भाग लेने के लिए उज्जैन जाएंगे और रविवार को भगवान महाकालेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे और उसी दिन इंदौर होते हुए दिल्ली लौटेंगे।

 

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