उद्धव ठाकरे ने बीजेपी-आरएसएस पर जमकर साधा निशाना, कहा- हिंदुत्व का दिखावा कर मन की बात उर्दू में कर...
उद्धव बनाम बीजेपी उद्धव ठाकरे ने बीजेपी-आरएसएस पर जमकर साधा निशाना, कहा- हिंदुत्व का दिखावा कर मन की बात उर्दू में कर...
डिजिटल डेस्क, मुबंई। देश की सियासत में सबसे ज्यादा पारा महाराष्ट्र में ही बना हुआ है। महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी गठबंधन यानी एमबीए आए दिन मौजूदा सरकार पर किसी न किसी मुद्दे को लेकर घेरती हुई नजर आती ही है। इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ है। दरअसल, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इस बार बीजेपी सहित आरएसएस को हिंदुत्व के मुद्दे पर आड़े हाथों लिया है।
उद्धव ठाकरे बीते दिन यानी 16 अप्रैल को नागपुर गए हुए थे। जहां पर उन्होंने कांग्रेस और एनसीपी के साथ एकता और शाक्ति का प्रदर्शन किया और बीजेपी को ये दिखाने की कोशिश की कि फिलहाल, महाविकास अघाड़ी गठबंधन में सब कुछ ठीक है और आने वाले समय में प्रदेश की राजनीति में उसकी राहें आसान नहीं होने वाली है।
ठाकरे ने उठाए सवाल
उद्धव ठाकरे ने अपनी शाक्ति प्रदर्शन के दौरान बीजेपी को लेकर कहा कि, एक तरफ भाजपा हनुमान चालीसा पढ़ती है तो दूसरी तरफ वो मस्जिदों में जाकर कव्वाली सुनती है। क्या यही उनका हिंदुत्व है? वे यूपी में जाकर उर्दू में मन की बात करते हैं। क्या यह उनका हिंदुत्व है? ठाकरे ने अपनी पार्टी का जिक्र करते हुए कहा कि, हमारी पार्टी हिंदुत्व और देश के लिए जीवन बलिदान है और उनका महज दिखावा है।
गोमूत्र पीना चाहिए- ठाकरे
कार्यक्रम में ठाकरे ने आगे कहा, बीजेपी हम पर बार-बार आरोप लगाती है कि, हमने कांग्रेस के साथ गठबंधन किया। क्या कांग्रेस में कोई हिंदू नहीं है? क्या आरएसएस-बीजेपी "गौमूत्रधारी हिंदुत्व" है। बीजेपी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि, हाल ही में हमने संभाजीनगर में एक जनसभा को संबोधित किया था। जहां पर भाजपा वालों ने गोमूत्र छिड़कवाया था, उन्हें कुछ गोमूत्र पीना भी चाहिए था ताकि वो समझदार हो सके।
एकनाथ पर उद्धव का निशाना
उद्धव ठाकरे यहीं नहीं रूके शिवसेना से बगावत करने वाले एकनाथ शिंदे पर बरसते हुए कहा कि, राज्य में किसान ओलावृष्टि और बेमौसम बारिस से पीड़ित थे लेकिन प्रदेश के सीएम अयोध्या दर्शन के लिए गए थे। केंद्र की सरकार पर निशाना साधते हुए ठाकरे ने आगे कहा कि, देश में लोकतंत्र को खत्म किया जा रहा है, जिसकी बीजेपी रोज हत्या कर रही है। अडानी का जिक्र करते हुए उद्धव कहते हैं कि, उनका लोकतंत्र केवल अपने करीबी सहयोगियों की मदद करने के लिए है।