टीएस सिंहदेव दिल्ली में, चाहते हैं सीएम मुद्दे का जल्द समाधान

छत्तीसगढ़ टीएस सिंहदेव दिल्ली में, चाहते हैं सीएम मुद्दे का जल्द समाधान

Bhaskar Hindi
Update: 2021-10-21 17:30 GMT
टीएस सिंहदेव दिल्ली में, चाहते हैं सीएम मुद्दे का जल्द समाधान

डिजिटल डेस्क, रायपुर । छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव पार्टी नेतृत्व से मिलकर राज्य में बारी-बारी से मुख्यमंत्री का मुद्दा उठाने के लिए नई दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। उनके करीबी सूत्रों का कहना है कि वह इस मुद्दे का जल्द से जल्द समाधान चाहते हैं और वह लंबे समय तक इंतजार नहीं कर सकते। उनके करीबी सहयोगियों का कहना है कि मामला सुलझ नहीं पाया, क्योंकि पार्टी आलाकमान की ओर से अभी अंतिम फैसला नहीं आया है, जबकि उनके समर्थक राज्य में बदलाव के लिए दबाव बना रहे हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आईएएनएस को बताया था, मेरे राज्य में रोटेशनल मुख्यमंत्री के मुद्दे पर राज्य प्रभारी पीएल पुनिया से बात हुई है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि ऐसा कोई फॉर्मूला नहीं था और इसके साथ ही यह मामला समाप्त हो गया है। कोई बदलाव नहीं होने जा रहा है, क्योंकि राज्य प्रभारी ने खुद कहा है कि ऐसा कोई फॉमूर्ला नहीं था।

उन्होंने कहा कि राज्य में कांग्रेस एकजुट है, कोई मतभेद नहीं है। इस बीच बघेल को उत्तर प्रदेश का वरिष्ठ पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है और वह कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ निकट समन्वय में काम कर रहे हैं। उनकी टीम पहले से ही यूपी में काम कर रही है और उन्हें वाराणसी में एक सफल रैली का श्रेय दिया जा रहा है। रोटेशनल मुख्यमंत्री के मुद्दे पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पिछले महीने दोनों नेताओं के साथ दो बैठकें की थीं।

सिंह देव और भूपेश बघेल दोनों पहली बैठक में मौजूद थे, जबकि दूसरी बैठक राहुल गांधी और बघेल के बीच हुई थी, लेकिन नेतृत्व परिवर्तन पर कोई निर्णय नहीं लिया गया था। लेकिन सूत्रों का कहना है कि यह मामला अभी सुलझा नहीं है और शीर्ष नेतृत्व किसी भी निर्णय पर पहुंचने से पहले सिंह देव से बात कर सकता है। फिलहाल बघेल को दिल्ली से राहत मिली हुई है, लेकिन यह स्थायी है या अस्थायी, इस पर कोई स्पष्टता नहीं है और न ही कोई आधिकारिक बयान जारी किया गया है। सिंह देव बारी-बारी से मुख्यमंत्री पद के लिए जोर दे रहे हैं। उनका कहना है कि सब कुछ पार्टी नेतृत्व के दायरे में है और नेतृत्व द्वारा जो भी निर्णय लिया जाएगा, वह उन्हें स्वीकार्य होगा।

(आईएएनएस)

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