त्रिपुरा चुनाव में लड़ाई डबल इंजन बनाम ट्रिपल आपद के बीच : अमित शाह
राजनीति त्रिपुरा चुनाव में लड़ाई डबल इंजन बनाम ट्रिपल आपद के बीच : अमित शाह
डिजिटल डेस्क, अगरतला। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि 16 फरवरी को होने वाले त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में डबल इंजन बनाम ट्रिपल आपद (गड़बड़ी करने वाले) वाम दल-कांग्रेस और टिपरा मोथा पार्टी के बीच लड़ाई है।
उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस और वाम शासन भ्रष्टाचार और हिंसा से भरे हुए थे और अगर किसी ने उन्हें वोट दिया, तो तीन आपद त्रिपुरा में भ्रष्टाचार, हिंसा और कैडर राज की वापसी की सुविधा प्रदान करेंगे। उत्तरी त्रिपुरा के चांदीपुर और पश्चिमी त्रिपुरा के चारिलम में चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वामपंथियों के 25 साल के शासन के दौरान कैडर राज हावी रहा है।
शाह ने कहा, सीपीआई-एम ने कांग्रेस के साथ गठबंधन किया, इसका मतलब है कि उन्होंने भाजपा से हार मान ली। वाम दलों को एहसास हुआ कि वे भाजपा को नहीं हरा सकते। वामपंथी सरकार के दौरान, सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई। इसके बावजूद, कांग्रेस ने उनसे गठबंधन किया।
उन्होंने दावा किया कि पूरी दुनिया से कम्युनिस्ट खत्म हो गए हैं और देश से कांग्रेस खत्म हो गई है।
सीपीआई-एम के राज्य सचिव जितेंद्र चौधरी का नाम लिए बगैर शाह ने दावा किया कि वामपंथियों ने त्रिपुरा में लंबे समय तक आदिवासियों को धोखा दिया और वंचित किया और अब लोगों को धोखा देने के लिए एक आदिवासी नेता को मुख्यमंत्री पद के चेहरे के रूप में पेश कर रहे हैं। माकपा केंद्रीय समिति के सदस्य चौधरी दक्षिणी त्रिपुरा के सबरूम निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं।
शाह ने दावा किया कि विभिन्न क्षेत्रों में वाम और कांग्रेस के शासन में भ्रष्टाचार के कई मामले हैं और कहा कि त्रिपुरा में भाजपा के पांच साल के शासन में भ्रष्टाचार का एक भी मामला नहीं है। उन्होंने कहा, मादक पदार्थो की तस्करी और इसका चरम खतरा वाम शासन के चरम पर था और भाजपा ने 2018 में सत्ता में आने के बाद त्रिपुरा को नशा मुक्त राज्य बनाने के लिए ड्रग्स के खिलाफ युद्ध शुरू किया।
हर गरीब घर को दो गैस सिलेंडर देने का वादा करते हुए उन्होंने कहा कि भगवा पार्टी की अगुवाई वाली सरकार ने पहले ही पाइप से पानी का कनेक्शन, बिजली और लाखों परिवारों को पक्के घर मुहैया करा दिए हैं और दूसरी बार भाजपा के सत्ता में आने के बाद इन कल्याणकारी गतिविधियों को आगे बढ़ाया जाएगा।
शाह ने कहा, मोदीजी ने उग्रवादी संगठन एनएलएफटी (नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा) के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर करके त्रिपुरा में शांति बहाल की है। 37,000 विस्थापित रियांग आदिवासियों को आवास प्रदान करके, इन आदिवासी समुदायों की 26 साल पुरानी अनिश्चितता का समाधान किया गया है।
उन्होंने कहा, 2025 तक प्रत्येक पात्र परिवार को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत एक घर मिलेगा और 50,000 कॉलेज लड़कियों को स्कूटी मिलेगी, चाय और रबर उद्योग में 200 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा, किसानों को प्रति माह 8000 रुपये और हर चाय श्रमिक के परिवार को दो गंडा (1,728 वर्ग फीट) जमीन आवंटित की जाए। शाह ने रविवार को राजधानी शहर के बाहरी इलाके प्रतापगढ़ में एक रोड शो में भी भाग लिया।
पिछले तीन दिनों के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, सर्बानंद सोनोवाल, किरण रिजिजू, अर्जुन मुंडा और पार्टी के कई अन्य नेता और सांसद त्रिपुरा में दो दर्जन चुनावी रैलियों को संबोधित कर चुके हैं। प्रधानमंत्री के 16 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव के प्रचार अभियान की समाप्ति से एक दिन पहले 13 फरवरी को अगरतला में एक और चुनावी रैली को संबोधित करने की संभावना है।
(आईएएनएस)।
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