पर्यटन बजट में हुई 18 फीसदी की बढ़ोतरी
केंद्रीय पर्यटन मंत्री पर्यटन बजट में हुई 18 फीसदी की बढ़ोतरी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय बजट 2022-23 मंगलवार को घोषित किया गया। केंद्रीय पर्यटन मंत्री किशन जी. रेड्डी ने कहा कि कोरोना महामारी में इस बार का बजट साल 2021-22 की तुलना में 18.42 फीसदी अधिक है। पर्यटन मंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी में ये बजट कनेक्टिविटी और बॉर्डर लिंकेज भारत में पर्यटन को बढ़ावा देने में एक प्रमुख भूमिका निभाएगा। उन्होंने मंगलवार को कहा कि कोरोना महामारी की तीसरी लहर के दौर से उबरने के लिए सरकार ने अर्थव्यवस्था के लिए पूंजीगत व्यय में 35 फीसदी की वृद्धि की है।
एक्सप्रेसवे के लिए पीएम गति शक्ति मास्टर प्लान लोगों और सामानों की तेज आवाजाही के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क का 25,000 किलोमीटर तक विस्तार किया जाएगा। गति शक्ति मास्टर प्लान 7 इंजनों द्वारा संचालित है: सड़क, रेलवे, हवाई अड्डे, बंदरगाह, जन परिवहन, जलमार्ग और रसद बुनियादी ढांचा। ऊर्जा संचरण, आईटी संचार, थोक, पानी, सीवरेज और सामाजिक बुनियादी ढांचे द्वारा समर्थित सभी 7 इंजन न केवल अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाएंगे बल्कि भारत में पर्यटन को बढ़ावा देने में भी भूमिका निभाएंगे।
केंद्रीय बजट में सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़कों के विकास पर भी बहुत ध्यान दिया गया है जिससे सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की आजीविका में काफी वृद्धि होगी। पर्यटन मंत्रालय देश में सीमा पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रयास कर रहा है। विरल आबादी वाले सीमावर्ती गाँव, सीमित संपर्क और बुनियादी ढांचा अक्सर विकास लाभ से छूट जाते हैं। उत्तरी सीमा पर ऐसे गांवों को नए वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत कवर किया जाएगा।
गतिविधियों में ग्रामीण बुनियादी ढांचे का निर्माण, आवास, पर्यटन केंद्र, सड़क संपर्क, विकेंद्रीकृत नवीकरणीय ऊर्जा का प्रावधान, डीडी और शिक्षा चैनलों की डीटीएच पहुंच और आजीविका सृजन के लिए समर्थन शामिल होगा। किशन जी. रेड्डी ने कहा, वित्त मंत्री ने पर्यटन मंत्रालय के लिए 2400 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि निर्धारित की है। यह बजट 2021-22 की तुलना में 18.42 फीसदी अधिक है और इसका उपयोग मंत्रालय पर्यटन बुनियादी ढांचे, विपणन और प्रचार और क्षमता निर्माण के विकास के लिए करेगा।
2400 करोड़ रुपये में से 1644 करोड़ रुपये पर्यटन बुनियादी ढांचे के विकास के लिए निर्धारित किए गए हैं, जिसमें स्वदेश दर्शन योजना के लिए 1181.30 करोड़ रुपये का परिव्यय शामिल है। स्वदेश दर्शन योजना पर्यटन मंत्रालय की एक प्रमुख योजना है जिसके तहत मंत्रालय द्वारा 76 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। बजट आवंटन से मंत्रालय को योजना के तहत चल रही परियोजनाओं को पूरा करने में मदद मिलेगी और निर्मित बुनियादी ढांचा छोटे और कम ज्ञात स्थलों पर पर्यटकों को बेहतर पर्यटन अनुभव प्रदान करेगा। स्वदेश दर्शन योजना के तहत 55 नए स्थलों को विकसित करने की योजना बनाई जा रही है और मंत्रालय पूर्वोत्तर, हिमालयी क्षेत्र, जनजातीय क्षेत्र आदि पर अपना ध्यान केंद्रित करना जारी रखेगा।
मंत्रालय की एक अन्य प्रमुख योजना, प्रसाद योजना का उद्देश्य देश में चयनित तीर्थ स्थलों का समग्र विकास करना है, और प्रसाद योजना के लिए सरकार की ओर से 235 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई। योजना के तहत विकास के लिए जिन घटकों को शामिल किया गया है उनमें क्लोक रूम सुविधाएं, प्रतीक्षालय, साइनेज, यात्री टर्मिनल, स्मारकों-तीर्थयात्राओं की रोशनी, पाकिर्ंग सुविधाएं, अंतिम मील कनेक्टिविटी, कचरा डिब्बे, प्राथमिक चिकित्सा केंद्र, शिल्प हाट का निर्माण आदि शामिल हैं। प्रसाद योजना के तहत 37 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, जिनमें से 17 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। शेष आवंटन का उपयोग अन्य योजनाओं जैसे सेवा प्रदाताओं के लिए क्षमता निर्माण, चैंपियन सेवा क्षेत्र योजना, सूचना प्रौद्योगिकी, आदि के साथ-साथ मंत्रालय और उसके अधीनस्थ कार्यालयों - देश और विदेश में भारत पर्यटन कार्यालयों के स्थापना व्यय को पूरा करने के लिए किया जाएगा।
उन्होंने कहा , पर्यटन मंत्रालय द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के तहत, हमने 278 पाकिर्ंग स्थल, 278 शौचालय, 181 कैफेटेरिया और 34 साउंड एंड लाइट शो विकसित किए हैं। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर पर्यटन के दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण है, और हमें यह देखकर खुशी हो रही है कि बजट इस क्षेत्र के लिए एक प्रमुख जोर का समर्थन करता है। पूर्वोत्तर के लिए पीएम विकास पहल, पीएम-डिवाइन, जिसे पूर्वोत्तर परिषद के माध्यम से लागू किया जा रहा है, पीएम गति शक्ति और पूर्वोत्तर की स्वास्थ्य जरूरतों के आधार पर सामाजिक विकास की भावना में बुनियादी ढांचे को वित्त पोषित करेगा।
इससे खासतौर पर नॉर्थ ईस्ट के युवाओं और महिलाओं को फायदा होगा। एक प्रारंभिक रु. 1,500 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए गए हैं। पर्यटन मंत्रालय ने साल 2022-23 के लिए पूर्वोत्तर राज्यों के लिए 227 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जनजातीय क्षेत्रों में पर्यटन के बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए जनजातीय उप योजना के तहत 98 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं। भारत ने घरेलू पर्यटन में एक बड़ी वृद्धि देखी है। अगले तीन साल में 400 नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें चलाई जाएंगी। इससे दक्षता और यात्री अनुभव में सुधार होगा। कठिन इलाकों में कनेक्टिविटी में सुधार और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
(आईएएनएस)