गुजरते साल में कई प्रदेशों में हुए चुनाव, कहीं पुराने धुरंधर तो कहीं नए चेहरे को मिली सूबे की कमान, जानिए किस प्रदेश में किस जद्दोजहद के बाद तय हुआ मुखिया का नाम
ईयर एंडर-2022 गुजरते साल में कई प्रदेशों में हुए चुनाव, कहीं पुराने धुरंधर तो कहीं नए चेहरे को मिली सूबे की कमान, जानिए किस प्रदेश में किस जद्दोजहद के बाद तय हुआ मुखिया का नाम
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देशभर में राजनीतिक नजरिए से एक साल काफी अहम रहा है। इस दौरान तमाम सियासी उठापटक देखने को मिली। साल के भीतर देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के साथ अन्य राज्यों में विधानसभा का चुनाव काफी चर्चा में रहा। कई प्रदेशों में तो पुराने चेहरे पर भरोसा जताया गया और राज्य के नेतृत्व की जिम्मेदारी भी उन्हें ही मिली। जबकि एक ऐसा राज्य रहा जहां पर नए चेहरे को मुख्यमंत्री की कमान सौंपी गई। अगर साल भर के सियासी घटनाक्रम पर नजर डाले तो बीजेपी के लिए यह साल काफी फायदेमंद रहा। जबकि वर्षों पुरानी कांग्रेस पार्टी सत्ता के लिए संघर्ष करती दिखी। तो वहीं आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के अलावा पंजाब पर भी कब्जा जमा लिया। इन्हीं सब के बीच आइए जानते हैं किन राज्यों में किन्हें मिली सीएम पद की कमान।
उत्तर प्रदेश
इस साल के विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा चर्चा यूपी को लेकर रही, क्योंकि सियासत में अक्सर कहा जाता है कि दिल्ली के रास्ते यूपी से होकर गुजरते हैं। इस लिहाज से हर राजनीतिक दल यहां पर ज्यादा से ज्यादा सीट जीतना चाहता है। इस बार यूपी में बीजेपी योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में दोबारा पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने में कामयाब रही। यूपी में 35 साल बाद किसी पार्टी को लगातार दूसरी बार सत्ता का स्वाद चखने को मिला। 403 विधानसभा सीटों में से बीजेपी को कुल 255 सीटें मिली थीं, जबकि सपा को 110 सीटें मिली। वहीं कांग्रेस को 2 व बसपा को 1 सीट से ही संतोष करना पड़ा था।
उत्तराखंड
इस बार उत्तराखंड के इतिहास में पहली बार देखने को मिला जब किसी राजनीतिक दल को लगातार दूसरी जनता ने चुना। 70 विधानसभा वाली सीटों में से बीजेपी को 47 सीटे मिली थीं। कांग्रेस को 19 सीटें तो वहीं बीएसपी को 2 सीटें मिली थीं। वोट शेयर की बात करें तो बीजेपी को 44 फीसदी जबकि कांग्रेस को 38 फीसदी वोट मिला। इस बार चुनाव में दिलचस्प बात यह रही कि खुद सीएम पुष्कर सिंह धामी विधानसभा चुनाव हार गए थे। पुष्कर सिंह धामी खटीमा विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में थे और बुरी तरह से चुनाव में शिकस्त मिली थी। हालांकि, मौजूदा वक्त में पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड के मुख्यमंत्री है। संवैधानिक संकट से बचने कि लिए सीएम धामी को दोबारा चुनाव लड़ना पड़ा था और चम्पावत उपचुनाव में उन्होंने 55 हजार से ज्यादा मतों से जीत दर्ज कर विधानसभा सदस्य बने।
पंजाब
पंजाब में इस साल काफी सियासी उठापटक देखने को मिली। कांग्रेस इस राज्य में अंदरूनी कलह से जूझती दिखाई दी, जिसकी वजह से उसे सत्ता से हाथ धोना पड़ा। पंजाब विधानसभा चुनाव में बीजेपी, कांग्रेस ने अपनी खूब ताकत लगाई लेकिन हुआ वही जिसकी आशंकी थी। आम आदमी पार्टी ने यहां ऐसी सेंध लगाई कि किसी भी राजनीतिक धुरंधर को भनक नहीं लगी और पंजाब में पूर्ण बहुमत की सरकार बना डाली। पंजाब विधानसभा चुनाव की 117 सीटों में से आप को 92 सीटें मिली थीं। कांग्रेस को 18 सीटें जबकि बीजेपी को 2 सीटें से ही संतोष करना पड़ा था। आप नेता भगवंत मान सिंह मौजूदा समय में पंजाब सीएम पद पर कार्यरत हैं।
गोवा
गोवा विधासभा चुनाव में बीजेपी ने अच्छा प्रदर्शन किया और दोबारा सरकार बनाने में कामयाब रही। गोवा विधानसभा की 40 सीटों में से बीजेपी को 20 सीटें, कांग्रेस को 11 जबकि आम आदमी पार्टी को 2 सीटें मिली थीं व अन्य को 3 सीटें मिलीं। आम आदमी पार्टी यहां भी खाता खोलने में कामयाब रही। बीजेपी ने इस बार फिर से प्रमोद सावंत को गोवा का मुख्यमंत्री बनाया है।
मणिपुर
यूपी समेत देश के पांच राज्यों में हुए मणिपुर में भी बीजेपी ने अपना परचम लहराया था और 60 विधानसभा सीटों में 32 सीटों पर जीत दर्ज की थी। कांग्रेस को 5 सीटें, जेडीयू को 6 सीटें ही मिली थीं। बीजेपी नेता एन बीरेन सिंह ने दूसरी बार मणिपुर के सीएम के तौर पर शपथ ली।
गुजरात
इस साल यूपी के बाद गुजरात विधानसभा चुनाव पर देशभर के लोगों की नजर थी। क्योंकि यूपी से ही देश के संसद का रास्ता गुजरता है तो वहीं गुजरात से देश के प्रधानमंत्री व गृहमंत्री ताल्लुक रखते हैं। इस लिहाज से इन दो राज्यों में सियासी पार हमेशा चढ़ा रहता है। हाल के चुनाव परिणाम में बीजेपी को लगातार सातवीं बार ऐतिहासिक जीत मिली। गुजरात विधानसभा की कुल 182 सीटों में से बीजेपी को 156 सीटों पर प्रचंड जीत मिली। जबकि कांग्रेस को 17, आप को 5 व सपा को एक सीट मिली। बीजेपी ने एक बार फिर से भूपेंद्र पटेल को गुजरात का सीएम बनाया है। मुख्यमंत्री पटेल का बतौर सीएम यह दूसरा कार्यकाल है।
हिमाचल प्रदेश
बीजेपी ने भले ही गुजरात में जीत के क्रम को जारी रखा लेकिन हिमाचल प्रदेश में सत्ता नहीं बचा पाई। हालांकि हिमाचल में सत्ता परिवर्तन का इतिहास रहा है। इस मिथक को बीजेपी तोड़ने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी लेकिन सफलता नहीं मिली और कांग्रेस सत्ता पर काबिज हो गई। कुल 68 विधानसभा वाली सीटों में से कांग्रेस ने 40 सीटों पर जीत दर्ज की जबकि बीजेपी ने 25 सीटों पर ही परचम लहरा पाई। कांग्रेस नेता सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बतौर मुख्यमंत्री शपथ ग्रहण की है।