सतना में भगवान राम से संबद्ध सिद्धा पहाड़ में नहीं होगा खनन

मध्य प्रदेश सतना में भगवान राम से संबद्ध सिद्धा पहाड़ में नहीं होगा खनन

Bhaskar Hindi
Update: 2022-09-02 13:30 GMT
सतना में भगवान राम से संबद्ध सिद्धा पहाड़ में नहीं होगा खनन
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डिजिटल डेस्क,भोपाल। मध्य प्रदेश के सतना जिले में भगवान राम से संबद्ध सिद्धा पहाड़ को खनन के लिए दिए जाने की चल रही कवायद को लेकर मचे सियासी घमासान के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने साफ कर दिया है कि इस पहाड़ पर कोई खनन नहीं होगा।

ज्ञात हेा कि सतना जिले में स्थित है सिद्धा पहाड़, कहा जाता है कि जब भगवान राम वनवास काल में यहां से गुजरे थे तब उन्होंने इस क्षेत्र को निशाचरों से मुक्त कराया था, इसी पहाड़ को खनन पर देने के लिए मध्य प्रदेष प्रदूषण बोर्ड ने लोक सुनवाई का निर्णय लिया था। इसके बाद से कांग्रेस लगातार हमलावर थी।

इस मामले के तूल पकड़ने पर मुख्यमंत्री चौहान ने शुक्रवार को साफ तौर पर कहा सिद्धा पहाड़, सतना जैसे अमूल्य सांस्कृतिक धरोहर स्थान जो हमारे आस्था और श्रद्धा के केंद्र हैं, यहां की पवित्रता को अक्षुण्य रखा जाएगा। यहां उत्खनन किसी कीमत पर नहीं होगा। सतना जिला प्रशासन को निर्देश दे दिए गए हैं।

कांग्रेस की मध्यप्रदेश इकाई के प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ ने शिवराज सरकार सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था, खुद को धर्म प्रेमी बताने वाली प्रदेश की शिवराज सरकार अपने व्यवसायिक हितों के लिए लगातार जन आस्थाओं व धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ करने वाले निर्णय लेती रही है। भाजपा के हाल ही में लिये गये निर्णय में मध्यप्रदेश के सतना जिले में स्थित सिद्धा पहाड़ जो कि राम वन गमन पथ पर स्थित है, जहां पर प्रभु श्री राम वनवास के समय आए थे और इस भूमि को निशाचरों से मुक्त करने की प्रतिज्ञा ली थी, अब शिवराज सरकार ने उस पहाड़ के खनन की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है।

कमल नाथ ने सरकार पर आरोप लगाया था कि इस पहाड़ पर पूर्व से ही अवैध उत्खनन का काम लगातार जारी है, इसको रोकने के लिए भी सरकार ने अभी तक कोई कदम नहीं उठाये हैं। करीब 10 वर्ष पूर्व इस तरह की कोशिशें की गई थी, लेकिन तब जनविरोध के बाद इस निर्णय को स्थगित कर दिया गया था। अब एक बार फिर पर्यावर्णीय स्वीकृति के नाम पर कार्रवाई शुरू की गई है।सिद्धा पहाड़ को खनन पर देने की कोशिशों पर भाजपा के कई नेताओं ने भी दबी जुवान से विरोध दर्ज कराया था। पार्टी के भीतर भी भगवान राम से संबद्ध स्थल पर खनन की स्वीकृति की कोशिश पर सवाल उठ रहे थे।


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