राष्ट्रपति बोले, गांव की मिट्टी की ताकत और लोगों के स्नेह ने प्रधानमंत्री को बुलाया
उत्तर प्रदेश राष्ट्रपति बोले, गांव की मिट्टी की ताकत और लोगों के स्नेह ने प्रधानमंत्री को बुलाया
डिजिटल डेस्क, कानपुर देहात। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि आज मैं जहां पर भी हूं, वो शुभचिंतकों की शुभेक्षाओं के साथ साथ अपनी मातृभूमि के आशीर्वाद के बल पर ही संभव हो सका है। मैं मानता हूं कि मेरे इस गांव की मिट्टी की वो ताकत है और आप सबका प्रधानमंत्री जी के लिए अपार स्नेह है, जिसने उन्हें भी इस छोटे से गांव में बुला लिया।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद शुक्रवार को अपने पैतृक गांव परौंख में बोल रहे थे। कहा कि प्रधानमंत्री जी के आगमन से यहां के लोग एक दुर्लभ एतिहासिक घटना के साक्षी बन रहे हैं। मैं जब अपने गांव में आता हूं तो सहज ही मैं यहां की माटी को अपने माथे से लगाता हूं। शायद इस बात से सभी लोग सहमत होंगे कि प्रत्येक व्यक्ति के हृदय में उसमें अपनी मां और मातृभूमि के लिए श्रद्धा का भाव जीवन पर्यन्त बना रहता है। ऐसा ही भाव मैंने प्रधानमंत्री के जीवन में भी देखा है। यहां की मिट्टी की ताकत और लोगों के प्यार ने उन्हें यहां बुला लिया है।
कहा मुझे बताया गया है कि गांव ही नहीं आसपास के क्षेत्र में प्रशासन द्वारा जन सुविधाओं से जुड़े कार्यों को संपन्न किया गया है। ऐसे कार्य के लिए राज्य सरकार और प्रशासन की सराहना करता हूं। आज के कार्यक्रम में राज्य सरकार और प्रशासन के जिन लोगों ने निष्ठा के साथ प्रयास व परिश्रम किया है, उन सबकी विशेष प्रशंसा करता हूं।
राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पैतृक गांव परौंख आगमन पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए स्वागत ज्ञापित किया। कहा, प्रधानमंत्री ने हमारे छोटे से गांव में जनता जनार्दन से मिलने यहां पर आए हैं। यह आपकी सह²यता और उदारता भी है, आज मेरा गांव आपका ऋणी हो गया है बल्कि मेरा जिला भी अनुग्रहीत हो गया है। कहा, देश को नौ नौ प्रधानमंत्री दिए लेकिन राष्ट्रपति एक भी नहीं लेकिन आज उत्तर प्रदेश के लोगों को गर्व के अनुभूति होती है कि यहां के एक निवासी को पहली बार देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद का उत्तरदायित्व प्रदान किया गया। इसका श्रेय प्रधानमंत्री को जाता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि संविधान निर्माता बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर ने जिस सर्वसमावेशी और समता, समानता वाले देश-समाज जी परिकल्पना की थी, नरेंद्र मोदी उसे साकार कर रहे हैं। बाबा साहब के सपनों को साकार करने की दिशा में प्रधानमंत्री द्वारा किए जा रहे कार्य अनुकरणीय हैं।
जनसभा में लोगों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति पद पर अपने निर्वाचन का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया। भावुक होते हुए उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव के मुझ जैसे सामान्य व्यक्ति को देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद की जिम्मेदारी देने की पहल नरेंद्र मोदी ने ही की थी। इसके पहले कहा जाता था कि देश को नौ प्रधानमंत्री देने वाले उत्तर प्रदेश से एक भी राष्ट्रपति नहीं बने थे। राष्ट्रपति ने एक संस्मरण साझा करते हुए कहा कि करीब 50-55 साल पहले परौंख में राजनीतिज्ञ के रूप में डॉ राम मनोहर लोहिया का आगमन हुआ था, तब उन्होंने और उन जैसे अनेक ग्रामीणों ने पहली बार जीप देखी थी। आज प्रधानमंत्री के परौंख में आने से यहां के लोग दुर्लभ ऐतिहासिक घटना के साक्षी बने हैं।
अपने पैतृक गांव परौंख आगमन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संग वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पूरे विधि विधान से अपनी कुलदेवी पथरी माता मंदिर में पूजा-अर्चना की। उनके साथ देश की प्रथम महिला श्रीमती सविता कोविंद, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी मंदिर में पूजा अर्चना की। इस दौरान राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने कुछ क्षण मंदिर में व्यतीत कर पुजारी से बातचीत भी की। पुजारी ने उन्हें प्रसाद भेंट किया। मंदिर में राष्ट्रपति कोविंद ने पीएम मोदी को इस मंदिर से जुड़ी अपनी यादें भी सुनाईं। मंदिर में दर्शन पूजन करने के बाद राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने वहां उनके स्वागत के लिए मौजूद ग्रामीणों से मुलाकात की। इनमें बच्चों की सर्वाधिक भागीदारी थी।
राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने आत्मीय अंदाज में उनसे बातचीत की, कुशलक्षेम जाना और खूब पढ़ने-आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। राष्ट्रपति कोविंद और प्रधानमंत्री मोदी ने परौंख स्थित डॉ. बीआर अंबेडकर भवन पर बाबा साहब की प्रतिमा पर पुष्पार्चन कर उन्हें भावांजलि अर्पित की। दोनों कुछ देर तक श्रद्धावनत होकर बाबा साहब की प्रतिमा को निहारते रहे। राष्ट्रपति की पत्नी सविता कोविंद, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी बाबा साहब की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।
पथरी माता मंदिर में दर्शन-पूजन तथा बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा समक्ष श्रद्धा निवेदित करने के उपरांत राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपने पैतृक आवास मिलन केंद्र पहुंचे। राष्ट्रपति के इस पैतृक आवास को सार्वजनिक/सामाजिक कार्यक्रमों के लिए दान कर दिया गया है। मिलन केंद्र में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने स्वयं सहायता समूहों से जुड़कर आत्मनिर्भरता की डगर पर चल पड़ी महिलाओं से मुलाकात की। उनके काम के बारे में जाना और उनका उत्साहवर्धन करते हुए उनके साथ फोटो खिंचवाई। ये महिलाएं राष्ट्रपति व पीएम से मिलकर और उनसे संवाद कर आहलादित थीं। समूह की महिलाओं ने खुद द्वारा बनाए गए उत्पाद राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भेंट किए। इस दौरान राज्यपाल और मुख्यमंत्री भी मौजूद रहे।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ परौंख गांव में लगाई गई प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। इस प्रदर्शनी के जरिए यह दशार्या गया था कि केंद्र व प्रदेश सरकार की योजनाओं का लाभ कैसे परौंख गांव को मिला है। प्रदर्शनी स्थल पर लाल भिंडी की खेती को लेकर प्रदर्शित स्टॉल के पास राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री ने कुछ देर चर्चा भी की। प्रदर्शनी के अवलोकन के उपरांत राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल व मुख्यमंत्री ने मेरा परौंख, मेरी धरोहर सेल्फी प्वाइंट के पास फोटो भी खिंचवाई।
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