ठेकेदार ने की आत्महत्या, मंत्री को ठहराया जिम्मेदार

कर्नाटक ठेकेदार ने की आत्महत्या, मंत्री को ठहराया जिम्मेदार

Bhaskar Hindi
Update: 2022-04-12 11:00 GMT
ठेकेदार ने की आत्महत्या, मंत्री को ठहराया जिम्मेदार

डिजिटल डेस्क, बेंगलुरू। एक ठेकेदार ने मंगलवार को अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली और सुसाइड नोट में यह कदम के लिए ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री के ईश्वरप्पा को जिम्मेदार ठहराया है। साथ ही एक भाजपा कार्यकर्ता, संतोष के पाटिल ने मीडियाकर्मियों को एक सुसाइड नोट व्हाट्सएप किया था, जिसमें दावा किया गया था कि मंत्री ईश्वरप्पा उनकी मौत के लिए सीधे जिम्मेदार हैं और उन्हें दंडित किया जाना चाहिए। उन्होंने लिखा, मैंने अपने सभी सपनों को किनारे करने के बाद यह निर्णय लिया है। मेरी पत्नी और बच्चे को प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और साथ ही हमारे लिंगायत नेता बीएस येदियुरप्पा का समर्थन करना चाहिए। मीडिया मित्रों को धन्यवाद।

उन्होंने आगे कहा कि उनके दोस्तों का उनकी मौत से कोई लेना-देना नहीं है। उनके संदेश में कहा गया है, मैं उन्हें दौरे के लिए लाया हूं और उनका कोई संबंध नहीं है। संतोष पाटिल ने उडुपी के एक होटल में जहर खाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। पाटिल बेलगावी जिले के बडासा गांव के रहने वाले थे। वह बेलगावी शहर में बस गये थे और एक ठेकेदार के रूप में काम करते थे। उनके परिवार में पत्नी और डेढ़ साल का बच्चा है।

घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए मंत्री ईश्वरप्पा ने स्पष्ट किया कि इस्तीफा देने का कोई सवाल ही नहीं है। ईश्वरप्पा ने कहा, मैं नहीं जानता कि संतोष पाटिल कौन हैं। मैंने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई से घटना की जांच करने को कहा है। इस बीच, संतोष पाटिल के भाई प्रशांत पाटिल ने अपने भाई की मौत के लिए सत्तारूढ़ भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने आरोप लगाया, राज्य सरकार ने मेरे भाई की हत्या की है। केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायत राज (आरडीपीआर) मंत्री गिरिराज सिंह ने इससे पहले ईश्वरप्पा से पाटिल द्वारा लगाए गए आरोपों पर स्पष्टीकरण मांगा है।

पाटिल ने आरोप लगाया था कि उन्हें 4 करोड़ रुपये का काम आवंटित किया गया था और इसे पूरा करने के बाद भी धनराशि जारी नहीं की गई। उन्होंने आगे कहा कि ईश्वरप्पा के सहयोगी 40 फीसदी कटौती की मांग कर रहे हैं। पाटिल ने ईश्वरप्पा पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए राष्ट्रीय मीडिया को इंटरव्यू भी दिया था।

ईश्वरप्पा ने पहले कहा था, आरडीपीआर विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एल.के. अतीक ने स्पष्ट रूप से बताते हुए स्पष्टीकरण भेजा था कि पाटिल द्वारा उल्लिखित ऐसे किसी भी कार्य के लिए न तो स्वीकृति आदेश और न ही प्रशासनिक स्वीकृति दी गई। आवेदक पाटिल द्वारा किए जाने वाले सड़क कार्यों को सरकार के माध्यम से लागू नहीं किया गया है। इसलिए, उक्त परियोजना के लिए कोई धन नहीं जुटाया गया। मंत्री ईश्वरप्पा ने कहा था कि इसके पीछे साजिश है। ईश्वरप्पा ने कहा, मैं इस मुद्दे पर सवाल उठा रहे कांग्रेस नेताओं से कहूंगा कि कार्य आदेश जारी नहीं किया गया है और अनुदान जारी करने का कोई सवाल ही नहीं है।

(आईएएनएस)

Tags:    

Similar News