सम्मेलन का एजेंडा आया सामने, प्रधानमंत्री करेंगे उद्घाटन
नो मनी फॉर टेरर सम्मेलन का एजेंडा आया सामने, प्रधानमंत्री करेंगे उद्घाटन
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गृह मंत्रालय की अगुवाई में 18-19 नवंबर को दिल्ली में आयोजित हो रहे दो दिवसीय नो मनी फॉर टेरर मंत्रिस्तरीय सम्मेलन का एजेंडा सामने आ गया है। 4 सत्रों में होने वाली इस बैठक का उद्घाटन 18 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे, तो वहीं 19 नवंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समापन सत्र को संबोधित करेंगे।
दो दिवसीय इस सम्मेलन में 75 देशों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं, जो वैश्विक आतंकवाद और आतंकवाद के वित्तपोषण के खतरों पर चर्चा करेंगे। गृह मंत्रालय की तरफ से मिली जानकारी के अनुसार इस सम्मेलन में दो दिनों में 4 अलग अलग सत्र रखे गए हैं। सभी प्रतिनिधि इन सत्रों में चर्चा कर आपसी सहमति बनाने की कोशिश करेंगे।
पहला सत्र: 18 नवंबर पहला सत्र रखा गया है, जहां आतंकवाद और आतंकवाद के वित्तपोषण में वैश्विक रुझान पर चर्चा होगी। इसमें मुख्य रूप से दक्षिण एशिया में आतंकवाद के वित्तपोषण में रुझान, उभरते वैश्विक आतंकवादी खतरों का विश्लेषण, वैश्विक आतंकवादी संगठनों के विस्तार की क्षमता और आतंकवादी वित्तपोषण, मनी लॉन्ड्रिंग जैसे जोखिमों से निपटने में हालिया रुझान पर बातचीत की जाएगी।
दूसरा सत्र: 18 नवंबर को ही दूसरा सत्र होगा, जिसका एजेंडा आतंकवाद के लिए धन के औपचारिक और अनौपचारिक चैनलों का उपयोग होगा। इसमें मुख्य रूप से वैध आर्थिक गतिविधियों और आतंकवाद के वित्तपोषण के बीच संबंध, आतंकी वित्तपोषण में एनपीओ और डीएनएफपीबी का दुरुपयोग, हवाला/हुंडी नेटवर्क और अन्य अनौपचारिक साधनों के माध्यम से आतंकवाद का वित्तपोषण एवं आतंकियों और अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध के बीच गठजोड़, विशेष रूप से आतंकवाद के वित्तपोषण में ड्रग तस्करी की भूमिका पर चर्चा की जाएगी।
तीसरा सत्र: 19 नवंबर को तीसरे सत्र का एजेंडा उभरती टेक्नोलॉजी और आतंकवादी वित्तपोषण होगा। इसमें मुख्य रूप से आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए वर्चुअल एसेट्स, क्राउड फंडिंग प्लेटफॉर्म, भुगतान मध्यस्थों का उपयोग, डार्क वेब और टेरर फाइनेंसिंग, उभरती टेक्नोलॉजी के दुरुपयोग से निपटने के लिए विधायी विकास और सार्वजनिक-निजी भागीदारी और निजी क्षेत्र की प्रतिबद्धताओं को मजबूत करना होगा।
चौथा सत्र: 19 नवंबर को चौथे सत्र का एजेंडा आतंकवादी वित्तपोषण का मुकाबला करने में आने वाली चुनौतियों का समाधान करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग रखा गया है। इसमें आतंकवाद के वित्तपोषण संबंधी अपराधों की जांच में चुनौतियां, रेडिकलाइजेशन फाइनेंसिंग को लक्षित करने के लिए सहयोग, वित्तीय खुफिया इकाइयों के बीच सूचना साझा करना और अंतर्राष्ट्रीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच समन्वय स्थापित करने पर चर्चा की जाएगी।
गौरतलब है कि नो मनी फॉर टेरर सम्मेलन पहली बार 2018 में पेरिस में हुआ था, उसके बाद 2019 में ऑस्ट्रेलिया में आयोजित किया गया था। वहीं भारत को इसकी मेजबानी 2020 में करनी थी, लेकिन कोरोना महामारी के चलते इसे स्थगित कर दिया गया था।
(आईएएनएस)
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