देश के मेट्रोमैन का राजनीति को बाय-बाय, बोले दूसरे तरीकों से लोगों की सेवा कर सकता हूं
बीजेपी से मोहभंग! देश के मेट्रोमैन का राजनीति को बाय-बाय, बोले दूसरे तरीकों से लोगों की सेवा कर सकता हूं
डिजिटल डेस्क तिरूवनंतपुरम। मेट्रोमैन के नाम से जाने जाने वाले ई.श्रीधरन ने गुरुवार को बड़ा कदम उठाते हुए राजनीति छोड़ने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि मैं कोई राजनेता नहीं था। उन्होंने कहा कि मैं कोई राजनेता नहीं था।
अपने गृहनगर मलप्पुरम में उन्होंने कहा, "बहुत से लोग नहीं जानते हैं, मैं अब 90 साल का हूं और जहां तक मेरी उम्र मानी जाती है। जब मैं कहता हूं कि मैं सक्रिय राजनीति छोड़ रहा हूं, इसका मतलब यह नहीं है कि मैं राजनीति छोड़ रहा हूं। जब मैं चुनाव हार गया था तब मुझे दुख हुआ, लेकिन अब मैं दुखी नहीं हूं क्योंकि एक विधायक के साथ कुछ नहीं किया जा सकता." उन्होंने कहा भाजपा राज्य इकाई का वोट शेयर 16 से 17 फीसदी था, लेकिन अब इसमें कमी भी आई है।
श्रीधरन ने यह भी कहा कि "मैं एक राजनेता नहीं था क्योंकि मैं एक नौकरशाह हूं और भले ही मैं राजनीति में सक्रिय नहीं होने जा रहा हूं, मैं हमेशा दूसरे तरीकों से लोगों की सेवा कर सकता हूं। मेरे पास तीन ट्रस्ट हैं और मुझे इसमें करना है।
कौन हैं ई श्रीधरन?
भारत के एक प्रख्यात सिविल इंजीनियर ई श्रीधरन 1995 से 2012 तक दिल्ली के निदेशक रहे हैं। भारत सरकार ने उन्हें 2001 में पद्म श्री और 2008 में पद्म विभूषण से सम्मानित भी किया है । फ्रांस सरकार ने 2005 में Chavalier de la legion d’honneur अवार्ड दिया था। साथ ही अमेरिका की प्रसिद्ध टाईम मैग्जीन पत्रिका ने इन्हें एशिया हीरो का टाइटल दिया था। श्रीधरन को समय के पाबंद इंसान के रूप में जाना जाता है।
श्रीधरन ने 25 फरवरी 2021 को भाजपा का दामन थामा था। उन्हें केरल भाजपा इकाई ने पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में देखा और पार्टी ने उन्हें पलक्कड़ विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ाया वह विधानसभा चुनाव में 3,859 मतों के अंतर से युवा कांग्रेस विधायक शफी परम्बिल से हार गए थे।