पीएम सुरक्षा चूक को किसी ने दोहरा मापदंड तो किसी ने राज्य और केंद्र की मिलीभगत बताया
पंजाब पीएम सुरक्षा चूक को किसी ने दोहरा मापदंड तो किसी ने राज्य और केंद्र की मिलीभगत बताया
- गलती किसकी?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पंजाब दौरे पर गए पीएम मोदी की सुरक्षा में हुई चूक पर खूब राजनीति हो रही हैं। नेताओं से लेकर किसान इस पर अलग अलग तरीके एक दूसरे पर बरस रहे हैं। कोई इस सुरक्षा खिलवाड़ को राज्य की गलती बता रहा है तो कोई केंद्र सरकार पर वहीं भारती किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने एबीपी न्यूज को दिए इंटरव्यू में एक बड़ा बयान दिया है।
किसान नेता ने इस सुरक्षा चूक को केंद्र और राज्य सरकार की मिलीभगत बताया है। किसान नेता ने कहा कि 120 किमी का रूट पीएम को तय नहीं करना चाहिए। पीएम सुरक्षा चूक को लेकर पंजाब प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने पीएम पर ही निशाना साधा है। सिद्धू ने कहा दिल्ली सीमाओं पर किसान एक साल से अधिक समय तक बैठे रहे, लेकिन प्रधानमंत्री को 15 मिनट में ही परेशान हो गए। ये दोहरा मापदंड क्यों? मोदी ज पीएम की सुरक्षा खिलवाड़ पर बीजेपी और कांग्रेस के कार्यकर्ता एक दूसरे की सरकार और पार्टी पर आरोप लगाते हुए खूब बरस रहे हैं। और एक दूसरे पर सवाल उठा कर एक दूसरे को जिम्मेदार ठहराने में लगे हैं।
किसान नेता राकेश टिकैन ने एबीपी को दिए अपने साक्षात्कार में कहा, कांग्रेस सरकार का ये कहना है कि वहां पर कम भीड़ थी। इसलिए सड़क का मार्ग लिया और वापस लौटने की तैयारी थी। आगे किसानों का एक प्रदर्शन था, लेकिन प्रदर्शन रोड जाम करने का नहीं था। उन्हें पता लगा कि पीएम आ रहे हैं तो वो सड़क पर आ गए। ये जिम्मेदारी पंजाब सरकार की भी बनती है कि उन प्रदर्शनकारी किसानों से बातचीत की जाती। साथ ही इन्हें भी ऐसे ही एयरपोर्ट से निकलकर ये तय नहीं करना चाहिए था कि ऐसे ही बाइ रोड चल दें। दोनों सरकारों ने सियासी फायदा उठाने के लिए ये काम किया है।
राकेश टिकैत ने आगे कहा मीडिया के उन तमाम खबरों की खबर ली जिनमें पीएम से संबंधित यात्रा चूक को बीजेपी की भाषा में बोला जा रहा था। किसान नेता ने कहा कि पीएम मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं, बीजेपी के प्रधानमंत्री नहीं हैं। किसान नेता ने कहा कि पीएम मोदी को किसी ने बंधक नहीं बनाया। कांग्रेस सरकार को बातचीत कर किसानों को हटाना चाहिए था। टिकैत ने कांग्रेस नेताओं का हवाला देते हुए ये भी कहा कि पीएम मोदी के कार्यक्रम में भीड़ नहीं थी और कुर्सियां खाली थीं, जिसकी वजह से पीएम मोदी लौट गए।