एसआईटी ने आरोपों पर कांग्रेस नेता को नोटिस भेजा
टीएसपीएससी पेपर लीक एसआईटी ने आरोपों पर कांग्रेस नेता को नोटिस भेजा
डिजिटल डेस्क,हैदराबाद। टीएसपीएससी में प्रश्नपत्र लीक की जांच कर रहे तेलंगाना पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) ने राज्य कांग्रेस प्रमुख ए. रेवंथ रेड्डी को नोटिस जारी कर मामले के बारे में उनके पास जो भी जानकारी है, उसे साझा करने को कहा है। एसआईटी ने 9 आरोपियों से पूछताछ कर जांच तेज कर दी है, और इस मामले में आरोप लगाने वालों को भी नोटिस जारी कर रही है। हालांकि, रेवंथ रेड्डी ने कहा कि उन्हें अभी तक एसआईटी का नोटिस नहीं मिला है। रेड्डी ने कहा कि वह एसआईटी के नोटिस से डरने वाले नहीं हैं और अगर मामले में न्यायिक जांच का आदेश दिया जाता है तो उनके पास जो भी सबूत होंगे, वह साझा करेंगे।
इससे एक दिन पहले रेवंथ रेड्डी ने गंभीर आरोप लगाया था कि राज्य के मंत्री के टी रामा राव के निजी सहायक भी पेपर लीक में शामिल थे। तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी (टीपीसीसी) के अध्यक्ष ने रविवार को कहा था कि केटीआर के निजी सहायक (पीए) तिरुपति और मामले के प्रमुख आरोपियों में से एक राजशेखर रेड्डी दोस्त थे। उन्होंने यह भी दावा किया कि तिरुपति ने राजशेखर रेड्डी को आउटसोसिर्ंग के आधार पर तेलंगाना स्टेट टेक्नोलॉजिकल सर्विसेज (टीएसटीएस) में नौकरी दिलाने में मदद की और बाद में यह सुनिश्चित किया कि वह तेलंगाना राज्य लोक सेवा आयोग (टीएसपीएससी) में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं। राजशेखर रेड्डी टीएसपीएससी के उन दो कर्मचारियों में से एक हैं जिन्हें पुलिस ने प्रश्नपत्र लीक होने के आरोप में गिरफ्तार किया है।
कामारेड्डी जिले में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान, कांग्रेस नेता ने रविवार को यह भी दावा किया था कि जगतियाल जिले के मलयाला मंडल में पड़ोस के गांवों से ताल्लुक रखने वाले तिरुपति और राजशेखर दोस्त हैं और मल्याल मंडल के 100 लोगों ने ग्रुप-1 प्रीलिम्स में 100 से अधिक अंक हासिल किए हैं। उन्होंने मांग की थी कि टीएसपीएससी को 100 से अधिक अंक लाने वाले 100 लोगों के नामों का खुलासा करना चाहिए। टीपीसीसी प्रमुख ने 2016 के ग्रुप-1 के नतीजों में भी गड़बड़ी का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि उस परीक्षा के टॉपर मधुर अमेरिका से सीधे परीक्षा देने आए और पहली रैंक हासिल की। टीएसपीएससी के एक कर्मचारी रजनीकांत रेड्डी ने उस परीक्षा में चौथी रैंक हासिल की थी।
रेवंत रेड्डी ने उच्च न्यायालय के एक सिटिंग जज द्वारा जांच की मांग करते हुए कहा कि यह पता लगाने के लिए कि प्रश्न पत्र किस वर्ष से लीक हो रहा था, इसकी गहन जांच की आवश्यकता है। टीएसपीएससी ने विभिन्न इंजीनियरिंग विभागों में सहायक इंजीनियर, नगरपालिका सहायक इंजीनियर, तकनीकी अधिकारी और जूनियर तकनीकी अधिकारी की 833 रिक्तियों के लिए 5 मार्च को परीक्षा आयोजित की थी। कुल 55,000 उम्मीदवारों ने परीक्षा दी थी। हालांकि, आयोग को प्रश्नपत्र के लीक होने का संदेह था और उसने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। 13 मार्च को पुलिस ने टीएसपीएससी के दो कर्मचारियों सहित नौ लोगों को गिरफ्तार किया। आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद आयोग ने परीक्षा रद्द कर दी और इस महीने के अंत में होने वाली अन्य परीक्षाओं को भी स्थगित कर दिया। इस संदेह के बीच कि आरोपियों ने कुछ अन्य परीक्षाओं के प्रश्न पत्र लीक किए होंगे, आयोग ने शुक्रवार को ग्रुप क प्रीलिम्स सहित तीन अन्य परीक्षाओं को रद्द करने का फैसला किया।
(आईएएनएस)
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