सीएम के लिए बन रही खींचतान के बीच सचिन पायलट के बीजेपी में जाने के संकेत! कांग्रेस नेता ने दिया ये हिंट
राजस्थान राजनीतिक संकट सीएम के लिए बन रही खींचतान के बीच सचिन पायलट के बीजेपी में जाने के संकेत! कांग्रेस नेता ने दिया ये हिंट
- आपसी झगड़े से राज्य और पार्टी का नुकसान
डिजिटल डेस्क, जयपुर। राजस्थान में मुख्यमंत्री के लिए कांग्रेस के गहलोत और पायलट गुट के बीच ठन गई है। इस पर बीजेपी भी चुटकी लेती हुई नजर आ रही है।
अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच जारी खींचतान पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने चुटकी ली है। हालांकि मीडिया के एक सवाल का जवाब देते हुए पूनिया ने कहा कि उनका कांग्रेस से कोई मतलब नहीं है। अगर कांग्रेस डूबने पर ही आमदा हैं तो इसमें बीजेपी क्या कर सकती है। सचिन पायलट के बीजेपी में शामिल होने के सवाल पर प्रदेश अध्यक्ष पूनिया ने कहा कि ये सिर्फ अटकलें है, ऐसा कुछ नहीं है। लेकिन इन लोगों की आपसी झगड़े से राज्य का नुकसान हो रहा है।
पूनिया का कहना है कि बीजेपी ने सरकार की स्थिरता के लिए पांच -पांच सीएम बदल दिए, लेकिन कांग्रेस को एक सीएम बदलने के लिए इतनी अधिक मशक्कत करनी पड़ रही है। पूनिया ने फैसले लेने को लेकर कांग्रेस आलाकमान को कमजोर बताया। विपक्ष के नेता ने राजस्थान का दुर्भाग्य बताते हुए कहा कि कांग्रेस की गहलोत सरकार गठजोड़ और जुगाड़ से चल रही है। जिससे राजस्थान का नुकसान हो रहा है।
पूनिया ने ये आरोप तब लगाया है जब कांग्रेस का अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने जा रहे गहलोत अपने वफादार सीपी जोशी को सीएम बनाने के पक्ष में है, वहीं पार्टी हाईकमान सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने के समर्थन में है। जब पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने विधायक दल की बैठक में चर्चा करने को लेकर पर्यवेक्षकों को दिल्ली से जयपुर भेजा, तब गहलोत गुट के अधिकतर एमएलए इस बैठक से नदारद नजर आए। इससे एक बार फिर कांग्रेस में अंदरूनी अंतर्कलह खुलकर सामने आ गई। पार्टी नेतृत्व इसके पीछे राजनीति के माहिर जादूगर कहे जाने वाले गहलोत का हाथ बता रहे है। इसे लेकर पार्टी ने गहलोत से स्पष्टीकरण भी मांगा है।
दूसरी तरफ ये अटकलें तेज हो गई हैं कि यदि सचिन पायलट मुख्यमंत्री नहीं बनते तो क्या पार्टी से खफा होकर बीजेपी का दामन थाम सकते है। इन कयासों के पीछे पायलट की पिछली नाराजगी बताई जा रही है , जिसमें वो अपने समर्थित विधायकों को लेकर गुरूग्राम के मानेसर होटल में चले गए थे। उस समय अपनी चालबाजी से गहलोत ने अपनी सरकार बचाई और पार्टी नेतृत्व ने पायलट को समय आने पर मौका देने की बात कही थी।
माना जा रहा है कि यदि पायलट सीएम पद को लेकर पार्टी से खफा हुए तो ज्योतिरादित्य सिंधिया, जितिन प्रसाद की तर्ज पर बीजेपी का दामन थाम सकते हैं, क्योंकि सिंधिया, जितिन प्रसाद और सचिन पायलट आपस में अच्छे दोस्त माने जाते हैं।