शिवसेना भवन, फंड की मांग वाली याचिका से कोई संबंध नहीं
सीएम की शिवसेना बोली शिवसेना भवन, फंड की मांग वाली याचिका से कोई संबंध नहीं
डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ गठबंधन की सहयोगी शिवसेना के शिंदे गुट ने सोमवार को एक वकील द्वारा दायर उस याचिका से अपना पल्ला झाड़ लिया, जिसमें शिवसेना भवन, शिवसेना (यूबीटी) के मुख्यालय और सभी बैंकों में इसके फंड की मांग की गई है।
ठाणे में शिवसेना केंद्रीय कार्यालय से जारी एक आधिकारिक बयान में राज्य पार्टी समन्वयक और प्रवक्ता नरेश म्हस्के ने कहा कि मीडिया के कुछ वर्गो में इस आशय की खबरें बिल्कुल गलत थीं।
कुछ स्थानीय चैनलों के अनुसार, वकील आशीष गिरि ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर करने का दावा किया है, जिसमें मांग की गई है कि पूर्व मुख्यमंत्री के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) के सभी फंड और पार्टी मुख्यालय शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना को सौंप दिया जाए।
अपनी व्यक्तिगत हैसियत से याचिका दायर करते हुए गिरि ने कहा कि चुनाव आयोग ने पिछले साल (अक्टूबर) में शिंदे गुट को मूल नाम शिवसेना और प्रतीक चिह्न धनुष और तीर आवंटित करने का आदेश दिया था।हालांकि, दादर में पार्टी के मुख्यालय, प्रतिष्ठित शिवसेना भवन, मुंबई में इसकी 227 शाखाओं और राज्यभर में अन्य इकाइयों व विभिन्न बैंक खातों में धन के बारे में कोई स्पष्टता नहीं थी।उन्होंने तर्क दिया कि चूंकि चुनाव आयोग ने शिंदे गुट को नाम और प्रतीक दे दिया, इसलिए उसके पास पार्टी मुख्यालय और बैंक फंड के अधिकार भी हैं और मामले की सुनवाई तक फंड से पैसे की निकासी पर रोक लगाने की मांग की।
हालांकि, म्हस्के ने स्पष्ट रूप से कहा कि उनकी पार्टी ने ऐसी कोई मांग नहीं की है, वकील (गिरि) का शिवसेना से कोई संबंध नहीं है और इस आशय की रिपोर्टों को उन्होंने खारिज कर दिया।पिछले साल शिवसेना भवन और अन्य चीजों के भाग्य पर अटकलें थीं, लेकिन शिवसेना (यूबीटी) के नेताओं ने कहा कि यह ठाकरे परिवार के ट्रस्ट से संबंधित है और इसलिए कोई भी इस पर दावा नहीं कर सकता।बाद में शिंदे ने यह भी संकेत दिया था कि वे उन मुद्दों को नहीं उठाएंगे, जिसके बाद उनकी पार्टी ने उनके गृहनगर ठाणे में केंद्रीय कार्यालय की स्थापना की।
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