शिंदे-फडणवीस सरकार द्वारा 25 विपक्षी नेताओं की सुरक्षा में कटौती, एमवीए ने उठाए सवाल

महाराष्ट्र सियासत शिंदे-फडणवीस सरकार द्वारा 25 विपक्षी नेताओं की सुरक्षा में कटौती, एमवीए ने उठाए सवाल

Bhaskar Hindi
Update: 2022-10-29 11:31 GMT
शिंदे-फडणवीस सरकार द्वारा 25 विपक्षी नेताओं की सुरक्षा में कटौती, एमवीए ने उठाए सवाल

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र राज्य के गुजरात के हाथों मेगा-प्रोजेक्ट्स को खोने की कड़ी आलोचना के बीच, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की सत्तारूढ़ सरकार ने कम से कम 25 विपक्षी महा विकास अघाड़ी नेताओं को दी गई सुरक्षा को कम कर दिया है।

उनमें कई पूर्व मंत्रियों, सांसदों, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) के विधायक जैसी प्रमुख हस्तियां शामिल हैं, एमवीए नेताओं की सुरक्षा कम करने को अप्रत्याशित माना जा रहा और कई नेता इससे नाराज भी है। हालांकि, एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार, शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे, एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले, एनसीपी विधायक डॉ. जितेंद्र आव्हाड और कुछ अन्य को दी गई सुरक्षा को छुआ (बदला,कम) नहीं गया है।

जिन लोगों की सुरक्षा हटाई गई है उनमें तीन पूर्व गृह मंत्री- राज्य एनसीपी अध्यक्ष जयंत पाटिल, छगन भुजबल और अनिल देशमुख शामिल हैं, जो फिलहाल जेल में हैं। जिन अन्य लोगों ने अपनी सुरक्षा खो दी उनमें- एनसीपी के पूर्व मंत्री नवाब मलिक जो अभी जेल में हैं, धनंजय मुंडे, नरहरि जिरवाल और एकनाथ खडसे, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले, विजय वडेट्टीवार, बालासाहेब थोराट, सतेज पाटिल और सुनील केदार के अलावा सेना (यूबीटी) के भास्कर जाधव, अनिल परब, वरुण सरदेसाई और सांसद संजय राउत, वर्तमान में जेल में हैं, और केंद्र शासित प्रदेश दादरा और नगर हवेली से सांसद कलाबेन एम. डेलकर शामिल हैं।

इसके विपरीत, ठाकरे के विश्वसनीय सहयोगी मिलिंद नार्वेकर की सुरक्षा बढ़ा दी है। उनके पास पहले एक्स प्लस सुरक्षा थी, लेकिन अब उन्हें वाई प्लस ग्रेड की सुरक्षा और एस्कॉर्ट दिया गया है। अजित पवार की सुरक्षा को जेड से घटाकर वाई प्सल कर दिया गया है और वाल्से पाटिल की सुरक्षा को वाई प्लस से घटाकर एक्स कर दिया गया है, जबकि कांग्रेस के दो पूर्व सीएम अशोक चव्हाण और पृथ्वीराज चव्हाण को वाई सिक्योरिटी कवर दिया गया है।

राकांपा के मुख्य प्रवक्ता महेश तापसे ने कहा कि सुरक्षा में कटौती या हटाने का मकसद केवल शिंदे-फडणवीस शासन की लगातार विफलताओं पर विपक्ष की आवाज को दबाना है। कांग्रेस के वडेट्टीवार ने अफसोस जताया कि कैसे उनका कवर छीन लिया गया, हालांकि वह पूर्वी महाराष्ट्र के विश्वासघाती माओवादी प्रभावित क्षेत्रों में रहते हैं, जबकि शिवसेना (यूबीटी) के सरदेसाई ने सुरक्षा कवर को हटाने के सरकार के कदम को शिंदे-फडणवीस शासन द्वारा राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया।

 

(आईएएनएस)

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