आरएसएस प्रमुख ने संकट का सामना कर रहे देशों की मदद नहीं करने के लिए चीन, अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया

नागपुर आरएसएस प्रमुख ने संकट का सामना कर रहे देशों की मदद नहीं करने के लिए चीन, अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया

Bhaskar Hindi
Update: 2022-09-30 16:30 GMT
आरएसएस प्रमुख ने संकट का सामना कर रहे देशों की मदद नहीं करने के लिए चीन, अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने शुक्रवार को कहा कि, संकट के समय में भी अमेरिका और चीन जैसी महाशक्तियां दूसरे देशों की स्वार्थी तरीके से मदद करती हैं, जबकि निस्वार्थ भाव से दूसरों की मदद करना भारत का स्वभाव है।

भारत विकास परिषद द्वारा यहां आयोजित एक कार्यक्रम में भागवत ने कहा कि कुछ देशों, विशेष रूप से चीन ने अपने स्वार्थी लक्ष्यों के लिए श्रीलंका और पाकिस्तान का इस्तेमाल किया, लेकिन जब हाल ही में उन्हें संकट का सामना करना पड़ा, तो ये देश उन्हें संकट से बाहर निकालने के लिए आगे नहीं आए। उन्होंने कहा कि श्रीलंका में हाल के आर्थिक संकट के दौरान, भारत एकमात्र ऐसा देश था जो कठिन समय में उसके साथ चट्टान की तरह खड़ा रखा।

भागवत ने कहा भारत ने न केवल यूक्रेन से अपने मेडिकल छात्रों को बचाया, बल्कि अन्य देशों के छात्रों को भी सुरक्षित रूप से वापस लाया। यह भारत का चरित्र है। उन्होंने कहा कि दान भारतीय समाज के दिल में है। आरएसएस सुप्रीमो ने यह भी कहा कि जो देश महाशक्ति रहे हैं, उन्होंने केवल दुनिया पर अपना वर्चस्व कायम किया और अपने निहित स्वार्थों को पूरा किया, लेकिन भारत ने हमेशा संकटग्रस्त देशों की मदद के लिए हाथ बढ़ाया।

भागवत ने कहा, जब सहायता की सख्त जरूरत वाले लोगों की मदद करने की बात आती है तो भारत हमेशा अग्रणी होता है। श्रीलंका, मालदीव और यूक्रेन जैसे संकटग्रस्त देशों की मदद करने में भारत की भूमिका इसका उदाहरण है। भागवत ने कहा, अन्य देशों ने अपनेपन की ऐसी भावना नहीं दिखाई।

 

 (आईएएनएस)

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