राजस्थान कांग्रेस में नहीं थम रही रार! अजय माकन ने पद छोड़ने की जताई इच्छा, इस बात पर गहलोत के खिलाफ जताई नाराजगी!

राजस्थान कांग्रेस में फिर उठी असंतोष की लहर राजस्थान कांग्रेस में नहीं थम रही रार! अजय माकन ने पद छोड़ने की जताई इच्छा, इस बात पर गहलोत के खिलाफ जताई नाराजगी!

Bhaskar Hindi
Update: 2022-11-16 11:42 GMT
राजस्थान कांग्रेस में नहीं थम रही रार! अजय माकन ने पद छोड़ने की जताई इच्छा, इस बात पर गहलोत के खिलाफ जताई नाराजगी!

डिजिटल डेस्क, जयपुर। राजस्थान कांग्रेस में अंदरूनी कलह थमने का नाम नहीं ले रहा है। कभी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच सियासी खींचतान तो कभी कांग्रेस के अन्य नेताओं के असंतुष्ट होने की खबर को लेकर राजस्थान में इन दिनों फिर से राजनीति का पारा चढ़ गया है। कांग्रेस के महासचिव अजय माकन ने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को चिट्ठी लिखकर राजस्थान प्रभारी की जिम्मेदारी छोड़ने की इच्छा जताई है।

अजय माकन के फैसले को लेकर राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। सूत्रों की माने तो माकन ने जयपुर में बीते 25 सितंबर को कांग्रेस बैठक के दौरान हुए सियासी ड्रामे का हवाले देते हुए, अब आगे से अपने दायित्वों से मुक्त करने का आग्रह किया है। माकन के इस कदम से अब एक बार फिर अटकलों का दौर शुरू हो गया है। 

गहलोत पर एक्शन न होने से खफा?

सूत्रों के अनुसार, राजस्थान कांग्रेस प्रभारी अजय माकन ने बीते 8 नवंबर को खड़गे को पत्र लिखा था और अपने जिम्मेदारियों से हटने की इच्छा जाहिर की थी। जिसके बाद से राजस्थान कांग्रेस सियासत में भूचाल सा आ गया। अब अटकलें लगनी शुरू हो गई हैं कि क्या सीएम अशोक गहलोत पर आलाकमान की तरफ से कठोर एक्शन न लेने की वजह से माकन खफा चल रहे हैं? इन दिनों सियासी गलियारों में ऐसे तमाम सवाल उठ रहे हैं।

वैसे राजस्थान कांग्रेस में कलह की बात किसी से छिपी नहीं है। राज्य में कांग्रेस दो धड़ों में बंट चुकी है। एक धड़ा सचिन पायलट को राजस्थान की कमान सौंपने की बात कह रहा है तो दूसरा खेमा गहलोत को अपना सीएम देखना चाह रहा है। जिस तरह से बीच-बीच में बगावती तेवर देखने को मिल रह हैं, ऐसे में माना जा रहा है कि कांग्रेस हाईकमान के लाख प्रयास के बावजूद भी अंदरूनी रार थमने का नाम नहीं ले रहा है।

माकन की नहीं चली कांग्रेस में?

25 सितंबर को राजस्थान कांग्रेस विधायकों की बैठक बुलाई गई थी। ये बैठक उस वक्त बुलाई गई थी, जब कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष पद चुनाव को लेकर कवायद तेज थी। सीएम गहलोत का नाम भी कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस में आगे चल रहा था, ये माना जा रहा था कि अगर गहलोत अध्यक्ष बनते है तो फिर राजस्थान सीएम की कुर्सी खाली होगी और सचिन पायलट की जिम्मेदारी दी जा सकती है। इसी कड़ी में विधायक दल की बैठक सुनिश्चित हुआ और कांग्रेस नेतृत्व ने अजय माकन व केसी वेणुगोपाल को पर्यवेक्षक बनाकर दिल्ली से राजस्थान भेजा।

गहलोत गुट ने सचिन पायलट को सीएम बनाने के खिलाफ विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को अपना इस्तीफा सौंप दिया। देर रात तक पार्टी के अंदर सियासी ड्रामा चलता रहा। यहां तक कि गहलोत व उनके गुट ने अजय माकन पर कई गंभीर आरोप लगाए। माकन ने दिल्ली आकर सोनिया गांधी को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। तत्कालीन हालात को देखते हुए ऐसा लग रहा था कि कांग्रेस आलाकमान माकन की रिपोर्ट पर गहलोत या पायलट के खिलाफ कड़ा एक्शन ले सकता है लेकिन हुआ वही जिसकी आशंका जताई रही थी। अभी तक यह मामला ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है।
 

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