Rajasthan Political Drama: सचिन की राहुल और प्रियंका से मुलाकात लाई रंग, पार्टी के 'कॉकपिट' लौटने को तैयार पायटल, कांग्रेस ने दिया बयान
Rajasthan Political Drama: सचिन की राहुल और प्रियंका से मुलाकात लाई रंग, पार्टी के 'कॉकपिट' लौटने को तैयार पायटल, कांग्रेस ने दिया बयान
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राजस्थान में चल रही सियासी उठापटक के बीच आज (सोमवार, 10 अगस्त) का दिन कांग्रेस के लिए राहत भरी खबर लेकर आया। गहलोत सरकार से बगावती तेवर अख्तियार करने वाले सचिन पायलट ने दिल्ली में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद एक महीने से भी अधिक समय से हरियाणा में डेरा डाले पायलट समर्थक विधायक अब जयपुर लौटने की तैयारी में हैं। वहीं, पायलट समर्थक विधायक भंवरलाल शर्मा ने भी सोमवार शाम जयपुर पहुंचकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात की। इस मामले में पर कांग्रेस की ओर से बयान जारी किया गया है।
ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि सचिन पायलट ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के साथ मुलाकात की। सचिन पायलट ने राहुल गांधी से और विस्तार से अपनी शिकायतों को व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि पायलट और राहुल के बीच स्पष्ट, खुली और निर्णायक चर्चा हुई है। वेणगोपाल ने आगे कहा कि सचिन पायलट ने राजस्थान में कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस सरकार के हित में काम करने के लिए प्रतिबद्ध किया है।
सोनिया गांधी ने किया फैसला
कांग्रेस के हवाले से कहा गया है कि इस बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने फैसला किया है कि एआईसीसी सचिन पायलट और उनके समर्थित विधायक द्वारा उठाए गए मुद्दों के समाधान के लिए एक तीन सदस्यीय समिति का गठन करेगी और उसके बाद एक उचित प्रस्ताव पर पहुंचेगी।
पायलट अब राजस्थान सरकार के हित में काम करने करने के लिए प्रतिबद्ध
पार्टी महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल ने एक बयान में कहा कि इस बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने फैसला किया है कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी पायलट एवं अन्य नाराज विधायकों की ओर से उठाए गए मुद्दों के निदान एवं उचित समाधान तक पहुंचने के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन करेगी। उन्होंने कहा कि सचिन पायलट ने राहुल गांधी जी से मुलाकात की और उन्हें विस्तार से अपनी चिंताओं से अवगत कराया। दोंनों के बीच स्पष्ट, खुली और निर्णायक बातचीत हुई। उनके मुताबिक पायलट ने कांग्रेस पार्टी और राजस्थान में कांग्रेस सरकार के हित में काम करने की प्रतिबद्धता जताई है।
पयलट समर्थक भंवरलाल ने कहा- एक दो दिन में सब ठीक हो जाएगा
पायलट समर्थक विधायक भंवरलाल शर्मा ने भी सोमवार की शाम जयपुर पहुंचकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात की।मुख्यमंत्री गहलोत से मुलाकात के बाद पायलट समर्थक विधायक भंवरलाल ने बातचीत को सकारात्मक बताया और कहा कि सरकार सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि सरकार को कोई खतरा नहीं है। भंवरलाल शर्मा ने कहा कि पार्टी एक परिवार है और अशोक गहलोत उसके मुखिया। मेरी अशोक गहलोत से नहीं, मुख्यमंत्री से क्षेत्र के मुद्दों को लेकर नाराजगी थी। एक दो दिन में सब ठीक हो जाएगा।
भंवरलाल ने खुद को स्वयंभू नेता बताया
पायलट समर्थक विधायक ने कहा कि जब परिवार में कोई नाराज होता है तो वो खाना नहीं खाता। हमने एक महीने तक नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि अब नाराजगी दूर हो गई है। भंवरलाल शर्मा ने कहा कि पार्टी अब जनता से किए गए वादे पूरा करेगी। उन्होंने सचिन पायलट के भविष्य के सवाल पर कहा कि वे राहुल गांधी से बातचीत कर रहे हैं। भंवरलाल ने खुद को स्वयंभू नेता बताया और कहा कि वे किसी के पीछे नहीं चलते। इतने दिन तक अपने खर्च पर ही रुके हुए थे।
राहुल, प्रियंका के साथ सोनिया के घर भी पहुंचे थे पायलट
सूत्रों के मुताबिक, पायलट के राहुल गांधी से उनके आवास पर मुलाकात करने के बाद दोनों ने पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी की मौजूदगी में एक और मुलाकात की। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के निवास पर पहुंचे, जहां तीनों ने मुलाकात कर विचार विमर्श किया। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस ने पायलट को आश्वासन दिया है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राज्य की राजनीति के बारे में उनकी शिकायतों का संज्ञान लिया जाएगा और उनकी पिछली स्थिति उप मुख्यमंत्री और राज्य पार्टी प्रमुख को बहाल किया जाएगा।
बागी नेताओं को वापस लेने का दावा
कांग्रेस नेताओं ने दावा किया कि पायलट खेमे ने अहमद पटेल सहित पार्टी के शीर्ष नेताओं से संपर्क किया था और हालिया घटनाक्रम पर राहुल गांधी को भी विश्वास में लिया गया है और उन्होंने इस कदम का समर्थन किया है। कांग्रेस ने पायलट के बागी तेवर दिखाने के बाद उन्हें उपमुख्यमंत्री और राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष पद से बर्खास्त कर दिया था। रविवार की रात जैसलमेर के एक होटल में ठहरे गहलोत खेमे के कांग्रेस विधायकों की बैठक में विद्रोहियों को पार्टी में वापस लेने को लेकर मिश्रित विचार सामने आए। कुछ विधायकों ने बागी खेमे के नेताओं को वापस लेने के लिए कहा कि वहीं कुछ इसके पक्ष में नहीं थे।