राजस्थान मंत्रिपरिषद ने अग्निपथ योजना को निरस्त करने का प्रस्ताव पारित किया
राजस्थान राजस्थान मंत्रिपरिषद ने अग्निपथ योजना को निरस्त करने का प्रस्ताव पारित किया
डिजिटल डेस्क, जयपुर। राजस्थान में मंत्रिपरिषद ने शनिवार को सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें कहा गया कि सशस्त्र बलों में अल्पकालिक भर्ती के लिए केंद्र की अग्निपथ योजना को व्यापक जनहित और नौजवानों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए वापस लिया जाना चाहिए।मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में यहां शनिवार को मुख्यमंत्री आवास पर बैठक हुई।बैठक में मंत्रिपरिषद ने अग्निपथ योजना के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन पर चिंता प्रकट की।
बैठक के दौरान कहा गया कि भारतीय सेना की गरिमा और प्रतिष्ठा को बनाए रखने के लिए बल में कौशल, अनुभव और स्थिरता का होना जरूरी है। सेना में दक्षता बढ़ाने के लिए अल्पकालिक भर्तियों के बजाय स्थायी सैनिकों का होना जरूरी है, ताकि देश उनके अनुभव का लाभ उठा सके।
सेना को सभी संसाधनों से लैस होना चाहिए और लगातार मजबूत होना चाहिए। प्रस्ताव में कहा गया है कि युवाओं में अपने भविष्य को लेकर कई संदेह पैदा हो गए हैं, इसलिए योजना के प्रावधानों के खिलाफ पूरे देश में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए हैं, युवा सड़कों और रेलवे ट्रैक पर धरना दे रहे हैं।
कई राज्यों से तोड़फोड़ और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की घटनाएं सामने आई हैं। बिहार, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, झारखंड, जम्मू-कश्मीर और असम सहित विभिन्न राज्यों में प्रदर्शन हो रहे हैं। इसमें कहा गया है कि बिहार, उत्तर प्रदेश और तेलंगाना जैसे राज्यों में युवाओं ने रेलवे के डिब्बों में आग लगा दी।
बैठक में चर्चा की गई कि कई सैन्य विशेषज्ञों की राय है कि अग्निपथ योजना से न तो युवाओं का भविष्य सुरक्षित होगा और न ही देश की सेना पूरे आत्मविश्वास के साथ चुनौतियों का सामना कर पाएगी।प्रस्ताव में कहा गया है कि विशेषज्ञों का मानना है, सेना में नियमित भर्ती होनी चाहिए और सैनिकों को सभी लाभ मिलने चाहिए, ताकि उनका और उनके परिवार का भविष्य सुरक्षित हो सके।
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