राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में पहले वक्ता होंगे राहुल गांधी
नई दिल्ली राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में पहले वक्ता होंगे राहुल गांधी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी बुधवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में विपक्ष की ओर से अगुवाई करेंगे। वह पार्टी के पहले वक्ता होंगे। संभावना है कि कांग्रेस नेता अपने वक्तव्य के दौरान पेगासस, चीन और एलएसी के मुद्दे उठाएंगे, क्योंकि पार्टी सरकार द्वारा कथित रूप से जासूसी करवाए जाने के खिलाफ है। राहुल ने मंगलवार को पेश किए गए केंद्रीय बजट की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का यह जीरो सम बजट है।
उन्होंने ट्वीट किया, मोदी सरकार का 0 सम बजट! राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में बजट की समग्रता में आलोचना करते हुए अंग्रेजी में मोदी लिखने में जानबूझकर ओ के बजाय 0 (शून्य) डाल दिया। उन्होंने कहा, बजट में वेतनभोगी वर्ग, मध्यम वर्ग, गरीब और वंचित, युवा, किसान और एमएसएमई के लिए कुछ नहीं। कांग्रेस ने संसद के संयुक्त सत्र में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर कहा है कि राष्ट्रपति ने चीन और पाकिस्तान का उल्लेख नहीं किया, जबकि इन दो मोर्चो से भारत जुड़ा हुआ है और यह भी कहा कि नागालैंड में हुईं हत्याओं का कोई उल्लेख नहीं है।
कांग्रेस ने कहा कि सरकार ने कोविड से हुईं मौतों के लिए माफी नहीं मांगी है और सवाल किया है कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने का कोई जिक्र क्यों नहीं हुआ। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा, चीन/पाक/दो मोर्चे की स्थिति पर एक शब्द नहीं। नागालैंड में नागरिकों के नरसंहार पर कोई खेद नहीं। जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल करने की कोई घोषणा नहीं। अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा होने के बाद भारत पर इसके आतंकी प्रभाव अस्पष्ट हैं। कोविड की दूसरी लहर में हुईं मौतों के लिए माफी भी नहीं मांगी गई।
कांग्रेस इस बात से खफा है कि सरकार चीन के साथ एलएसी पर चुनौती का सामना कर रही है और खबरें हैं कि चीन अरुणाचल प्रदेश की सीमाओं पर बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहा है। पार्टी चाहती थी कि राष्ट्रपति उस मोर्चे पर सरकार के प्रयासों की रूपरेखा प्रस्तुत करते। हालांकि राष्ट्रपति ने दुनिया में सरकार की राजनयिक पहुंच का उल्लेख किया। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कहा कि भारत ने राजनयिक संबंधों में सुधार के माध्यम से तेजी से विकसित हो रहे वैश्विक वातावरण में अपनी स्थिति मजबूत की है।
(आईएएनएस)