अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद सिद्धू का पहला बयान, कहा- CM चरणजीत अमरिंदर की तरह ही काम कर रहे हैं
पंजाब में सियासी संकट अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद सिद्धू का पहला बयान, कहा- CM चरणजीत अमरिंदर की तरह ही काम कर रहे हैं
डिजिटल डेस्क, अमृतसर। पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद पहली बार बयान जारी किया। नवजाेत सिंह सिद्धू ने अपने ट्विटर हैंडल पर बुधवार को एक वीडियो अपलोड कर अपने इस्तीफे पर अपना पक्ष रखा। सिद्धू ने कहा, मैं न हाईकमांड को गुमराह कर सकता, न गुमराह होने दे सकता। इंसाफ के लिए लड़ाई लड़ने के लिए, पंजाब के लोगों की ज़िन्दगी को बेहतर करने के लिए किसी भी चीज की कुर्बानी मैं दूंगा। इसके लिए मुझे कुछ सोचने की ज़रूरत नहीं है।
हक़-सच की लड़ाई आखिरी दम तक लड़ता रहूंगा … pic.twitter.com/LWnBF8JQxu
— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) September 29, 2021
सिद्धू ने कहा कि मेरा 17 साल का राजनीतिक सफर एक मकसद के लिए रहा। पंजाब के लोगों की ज़िन्दगी को बेहतर करना और मुद्दों की राजनीति पर स्टैंड लेकर खड़ा रहना यही मेरा धर्म है। मेरी आज तक किसी से कोई निजी लड़ाई नहीं रही। मेरा इस्तीफा पंजाब के हितों व नैतिकता के सवाल पर है। मैं इनसे समझौता नहीं करुंगा। जीवन में अंतिम सांस तक सच्चाई और पंजाब के हितों की लड़ाई लड़ता रहूंगा।उन्होंने कहा कि पंजाब के लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के मकसद के लिए लड़ता रहूंगा। मेरे लडा़ई निजी लड़ाई नहीं है , यह हक और मुद्दे की लड़ाई है। कोई पद मायने रखता ही नहीं था और आगे भी रहेगा। मैं गुरु के आदर्शों व दिखाए मार्ग पर चलूंगा। सिद्धू ने चरणजीत सिंह सरकार पर सवाल उठा दिए और कहा कि इस सरकार का तरीका भी कैप्टन अमरिंदर सिंह की तरह ही है, कुछ नहीं बदला है। उन्होंने हक़-सच की लड़ाई आखिरी दम तक लड़ता रहूंगा
सिद्धू ने कहा कि मेरे लिए पद नहीं सिद्धांत और मकसद अहम है। मैं नैतिकता और पंजाब के हितों से समझौता नहीं सकता। मैं अड़ूंगा और लड़ूंगा, सब जाता है तो जाए। उन्होंने कहा कि दागी अफसरों को पंजाब का पहरेदार बर्दाश्त नहीं कर सकता। उन्होंने डीजीपी बनाए गए आइपीएस इकबाल प्रीत सिंह सहोता काे हवाला देते हुए कहा कि बादलों को क्लीनचिट देने वालों को उत्तरदायित्व दिया जा रहा है। सुमेध सैनी को ब्लैंकेट बेल दिलाने वाले को एजी लगा दिया गया। मांओं की कोख उजाडऩे वालों, बच्चों पर जुल्म करने वालों को पंजाब का पहरेदार बनाया जा रहा है। बता दें कि सहोता 2015 में गठित उस विशेष जांच दल के सदस्य थे। इसे बेअदबी मामले पर तत्कालीन अकाली सरकार ने गठित किया था।
सिद्धू ने कहा कि पंजाब के हित मेरे लिए सबसे ऊपर हैं और मैं उससे समझाैता नहीं कर सकता। उन्होंने पंजाब के नए एडवोकेट जनरल (AG) और कार्यवाहक डीजीपी की नियुक्ति पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि जिन लोगाें ने बेदअदबी के लिए दोषी लोगों को सुरक्षा दी और उनके केस लड़े उनकी नियुक्तियां हो रही हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब में हालात वही हैं जो कैप्टन अमरिंदर सिंह के समय थे। उन्होंने कुछ अधिकारियों की तैनाती पर भी सवाल उठाए हैं
बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू ने कल पार्टी हाईकमान को अपना इस्तीफा दे दिया था। उनके इस्तीफे के बाद से पंजाब की राजनीति में सियासी भूचाल आ गया है। सिद्धू बाद उनके करीबी मंत्रियों ने भी इस्तीफे की पेशकश की।
— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) September 28, 2021