मप्र में गंभीर मामलों के अपराधियों पर नकेल कसने की तैयारी
मध्य प्रदेश मप्र में गंभीर मामलों के अपराधियों पर नकेल कसने की तैयारी
डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश में बीते डेढ़ दशक में घटित गंभीर अपराधों के अपराधियों पर नकेल कसने की सरकार ने कोशिशें तेज कर दी है। राज्य में वर्ष 2008 के बाद से हुए अपराधों पर हुई कार्रवाई की समीक्षा का दौर तो शुरू कर ही दिया गया है साथ में उन्हें कठोर दंड दिलाने की रणनीति पर भी काम हो रहा है।
राज्य में हुए चिन्हित अपराधों में हत्या के वीभत्स प्रकरण, सामूहिक हत्याकांड, हत्या के साथ डकैती, सामूहिक बलात्कार, आतंकवादी कृत्य, अपहरण के साथ हत्या, पुरातत्व महत्व की और धार्मिक मूर्तियों की चोरी के अलावा जिनमें जन-सामान्य की भावनाएं जुड़ी हैं वे तो शामिल हैं ही, साथ में बारह वर्ष से कम उम्र की बालिकाओं के साथ बलात्कार आदि की घटनाओं को चिन्हित अपराधों की श्रेणी में शामिल कर कठोरतम दंड देने की व्यवस्था की गई है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में अपराधों पर पुख्ता नियंत्रण के उद्देश्य से वर्ष 2008 से चिन्हित अपराध पर कार्रवाई की नियमित समीक्षा का कार्य शुरू हुआ है, जिसके अंतर्गत चिन्हित अपराधों की श्रेणी में शामिल अपराध में उल्लेखनीय कमी लाने के साथ ही इन अपराधों को अंजाम देने वाले अपराधियों को कठोरतम दंड देने का कार्य हो रहा है। चिन्हित अपराधों की श्रेणी इसलिए बनाई गई है, जिससे अपराधियों पर तुरंत कार्रवाई हो सके और उनमें भय का वातावरण व्याप्त हो।
चिन्हित अपराधों के लिए जिला, संभाग और राज्य स्तर पर समितियों का गठन किया गया है, जिसकी प्रत्येक माह समय-समय पर समीक्षा की जाती है। जिला स्तर पर कलेक्टर्स, पुलिस अधीक्षक, जिला अभियोजन अधिकारी या शासकीय अधिवक्ता, संभाग स्तर पर संभाग आयुक्त व प्रदेष स्तर पर समिति की बैठक की जाती है।
चिन्हित प्रकरणों और दोष सिद्ध प्रकरणों बीते दो साल में कई को सजा मिली है। वर्ष 2020-22 में महिला संबंधित चिन्हित अपराधों में 2 मृत्यु दंड, 187 आजीवन कारावास, 137 अन्य कठोर कारावास से अपराधी दंडित किए गए हैं।
(आईएएनएस)
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.