पीएम के परिवारवाद पर बिहार में छिड़ा सियासी संग्राम, परिवारवाद से समाजवाद को खतरा
परिवारवादी लोकतंत्र पीएम के परिवारवाद पर बिहार में छिड़ा सियासी संग्राम, परिवारवाद से समाजवाद को खतरा
- बिहार की सियासत में बढ़ी गर्मी
डिजिटल डेस्क, पटना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को असली समाजवादी बताए जाने तथा परिवारवाद को लोकतंत्र के लिए नुकसानदेह कहे जाने के बाद बिहार की सियासत में गर्मी बढ़ गई है। इसे लेकर राजनीति बयानबाजी भी खूब हो रही है।
प्रधानमंत्री के बयान के बाद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के नेता जहां परिवारवाद को लेकर परोक्ष या अपरोक्ष रूप से कांग्रेस और राजद पर निशाना साध रहे हैं वहीं, राजद के नेता भी इसपर अपने तर्कों के जरिए पलटवार करने में जुटे हैं। नीतीश कुमार ने सोमवार को प्रधानमंत्री के बयान को सही ठहराते हुए कहा कि राजनीति में परिवारवाद से समाजवाद को खतरा है। हमलोग के लिए पूरा बिहार एक परिवार है। वहीं कुछ लोग अपने घर के परिवार को ही परिवार कहते हैं। उसी परिवारवाद पर रहते हैं। ऐसे में समाजवाद खत्म हो जाता है।
उन्होंने बिना किसी के नाम लिये विरोधियों पर निशाना साधा और कहा कि कुछ लोगों को समाजवाद से मतलब नहीं है, परिवारवाद से मतलब है। किसी ने अपनी पत्नी को, लड़के को पार्टी में आगे कर दिया। क्या यही समाजवाद है? आपने मेहनत किया है, आप तक तो ठीक है। पर, पार्टी चलाते हैं तो आपके साथ जिनकी सक्रियता है उनके बीच से ही बड़े पद के लिए चयन होना चाहिए। बिना अनुभव और जानकारी के सीधे पार्टी के बड़े पद पर अपने परिवार के सदस्य को लोग रख देते हैं।
नीतीश कुमार के इस बयान के बाद राजद के नेता तेजस्वी यादव ने भी अपने तर्कों के जरिए मुख्यमंत्री पर पलटवार करने में देर नहीं की। राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के बेटे और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इसका जवाब दिया। उन्होंने नीतीश कैबिनेट में ऐसे कई मंत्रियों के नाम गिनवाए जिनके पिता या रिश्तेदार राजनीति में रहे हैं।
तेजस्वी ने वर्तमान में नीतीश सरकार में मंत्री अशोक चौधरी, सुनील कुमार, सम्राट चौधरी, जयंत राज, लेसी सिंह, संतोष सुमन मांझी, नितिन नवीन और सुमित सिंह का नाम गिनवाया। तेजस्वी ने कहा कि इन सभी के पिता या रिश्तेदार राजनीति में रह चुके हैं। तेजस्वी ने कहा कि यदि नीतीश कुमार को परिवारवाद खतरनाक लगता है तो उन्हें अपनी सरकार के इन मंत्रियों को तत्काल बर्खास्त कर देना चाहिए।
इससे पहले जदयू के अध्यक्ष ललन सिंह ने भी कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी , लोहिया-जेपी, जॉर्ज फर्नांडिस को आदर्श मानकर नीतीश कुमार ने बिहार के लोगों को ही अपना परिवार माना, उनकी सेवा की। सामाजिक न्याय के साथ विकास का आधारभूत मॉडल भी दिया।
लालू प्रसाद ने भी इस मुद्दे पर बिना किसी के नाम लिए कहा था कि उनके बच्चे नहीं हैं, इसलिए वे ऐसा कह रहे हैं। अब इसमें कोई क्या कर सकता है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का एक बेटा है, वह राजनीति में नहीं आना चाहता, वह पूरी तरह से दूसरे रास्ते पर है।
उन्होंने कहा कि वह भगवान से प्रार्थना करते हैं कि इन लोगों को बच्चे दें और वे राजनीति में आएं। उल्लेखनीय है की पिछले दिनों नरेंद्र मोदी ने एक बयान में राजनीतिक दलों में परिवारवाद की निंदा की थी और कहा था इनमें वे भी शामिल हैं जो समाजवाद की विचारधारा से जुड़े रहने का दावा करते हैं। राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने अपनी पत्नी राबड़ी देवी को बिहार का मुख्यमंत्री बनाया था और अपने छोटे बेटे तेजस्वी यादव को नेता प्रतिपक्ष नियुक्त किया है।
(आईएएनएस)