मोदी- मूल मंत्र के साथ विपक्ष के समीकरणों ने बीजेपी को जीतने में दिया साथ
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 मोदी- मूल मंत्र के साथ विपक्ष के समीकरणों ने बीजेपी को जीतने में दिया साथ
- मोदी योगी को जनता का विश्वास
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। पांच राज्यों के चुनावी नतीजों में बीजेपी की प्रंचड जीत के पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कुशल नेतृत्व सबसे अहम वजह मानी जा रही है। लेकिन देश के सबसे बड़े प्रदेश में मोदी के बाद योगी की नीतियों को भी नकारा नहीं जा सकता। यूपी में बीजेपी के एम वाई फैक्टर के आगे सपा का एम वाई फैक्टर फैल हो गया। जानिए बीजेपी के चुनावी जीत के मंत्र के आगे विपक्ष के सारे समीकरण ध्वस्त हो गए।
समझिए बीजेपी की जीत का समीकरण
मोदी मूल मंत्र
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मूल मंत्र सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास जीत का सबसे पहला सबसे बड़ा जीत का फैक्टर है। मोदी की साफ नीति नियत निर्णय ही निर्वाचन चुनावों में बीजेपी को बहुमत का आंकड़ा पार गया।
मायावती
बसपा प्रमुख मायावती की पूरे चुनाव में खामोशी, बीजेपी जीत का एक बड़ा कारक रहा। अपने प्रचार में बसपा की चुनावी मंचों से सपा कांग्रेस पर तो निशाना साधा लेकिन बीजेपी पर कभी प्रहार नहीं किया। बसपा के टिकट वितरण से भी बीजेपी को फायदा, सपा को नुकसान होते हुए दिखाई दिया। सपा के 100 से अधिक मुस्लिम प्रत्याशियों के ऊपर बसपा ने भी मुस्लिम कैंडिडेंट खड़े किए। जिन्होंने सपा का मुस्लिम समीकरण अंसतुलित कर दिया। मुस्लिम वोटों ऐसी सीटों पर करीब 68 सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की। सोशल इंजीनियरिंग के जिस समीकरण के बलबूते बसपा ने 2007 में अपना सियासी समीकरण हल किया वह हीं उसका असली सियासी दुश्मन बन गया, और उसका परमानेंट वोट खिसक भाजपा के पाले में चला गया।
मुस्लिम को सपा का विशेष धवज्जो
सपा ने पूरे प्रचार में मुस्लिमों को विशेष तवज्जो दिया जिससे उसका हिदुत्व वोट खिसक गया।
रालोद का जाट सपा का सहयोग नहीं
समाजवादी पार्टी ने सपा के चुनाव चिह्न पर जिन रालोद प्रत्याशियों को उतारा वहां जाटों ने वोट नहीं दिया। जाटों ने सिर्फ वहीं वोट दिया जहां रालोद के चुनाव चिह्न पर जाट या रालोद के सदस्य को टिकट दिया।
धार्मिक ध्रुवीकरण
सीएम योगी का 80-20 फॉर्मूला हिंदु मुस्लिम ध्रुवीकरण करने में सफल रहा, इस सूत्रों ने मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर कामयाबी दिलाई जहां बसपा और सपा ने मुस्लिम कैंडिडेंट खड़े किए थे। हिंदु पलायन मुद्दा पूरे प्रचार में हावी रहा। काशी में मोदी का बार बार ताबड़तोड प्रचार ये भुनाने में अंत तक कामयाब हुआ कि वो हिंदुओं के सबसे बड़े शुभचिंतक है। पूरे प्रचार में अयोध्या काशी और मथुरा हिंदुत्व राजनीति के प्रचार का अड्डा रहे। इससे चुनावी मोड़ में ये प्रचारत रहा कि ब्राह्मण वर्ग नाराज है वह धर्म के चलते बीजेपी के पक्ष में आया।
किसान, छूट्टा जानवर-बेरोजगारी, महंगाई
प्रधानमंत्री मोदी ने समय समय पर ऐसे स्टेंड लिए जो जनता के भरोसा जीताने में काम किया। मोदी ने अपने प्रचारी प्रबंधन के जरिए चुनावी चरणों में बीजेपी के विरोध में उठ रहे स्वरों को चुनावी मंचों से योगी के बजाय खुद से शांत किया। और मतदाताओं में मंचों से विश्वास दिलाया।