अडानी मामले पर बंटा बंटा दिखा विपक्ष, 17 विपक्षी दलों के प्रदर्शन में शामिल नहीं हुई ममता बनर्जी की पार्टी, जानिए क्यों किया किनारा
विपक्ष का पैदल मार्च अडानी मामले पर बंटा बंटा दिखा विपक्ष, 17 विपक्षी दलों के प्रदर्शन में शामिल नहीं हुई ममता बनर्जी की पार्टी, जानिए क्यों किया किनारा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अडानी मामले में सरकार को घेरने के लिेए 17 विपक्षी दलों के करीब 200 सांसदों ने एकसाथ संसद भवन से लेकर ईडी कार्यालय तक मार्च निकाला, लेकिन धारा 144 का हवाला देते हुए पुलिस ने उन्हें बीच में विजय चौक पर ही रोक लिया। सांसदों को रोकने के लिए पुलिस ने तीन लेयर की बेरिकेडिंग की थी। बीच में रोके जाने से गुस्साए सांसदों ने नारेबाजी शुरू कर दी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि, सरकार ने 200 सांसदों को रोकने के लिए 2000 पुलिस वाले लगाए हैं। उन्होंने कहा कि वह सभी विपक्षी सांसदों के साथ ईडी के दफ्तर पर जाकर मेमोरेंडम देना चाहते थे लेकिन हमें बीच में ही रोक दिया गया।
अडानी बीच क्या रिश्ता है इसकी जांच हो - खड़गे
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 15, 2023
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पुलिस द्वारा बीच में रोके जाने पर खड़गे ने कहा, हम अडानी मामले में ज्ञापन सौंपने के लिए ईडी दफ्तर जा रहे हैं लेकिन सरकार के आदेश पर पुलिस हमको आगे नहीं जाने दे रही है। जो लोग अपने पैसे सरकार के विश्वास पर बैंकों में रखते हैं वही पैसे सरकार एक व्यक्ति को सरकारी संपत्ति खरीदने के लिए दे रही है। मोदी जी ऐसे लोगों को प्रोत्साहन दे रहे हैं। जिस व्यक्ति ने 1650 करोड़ रूपए से अपना करियर की शुरूआत की और अब उसके पास 13 लाख करोड़ रूपए की संपत्ति है तो हम चाहते हैं कि इसकी जांच हो। पीएम मोदी और अडानी के बीच क्या रिश्ता है इसकी जांच हो।
वो दिन दूर नहीं जब अडानी जेल में होंगे - मनोज झा
आरजेडी के सांसद मनोज झा ने कहा, बीजेपी सरकार तनाशाही रवैया अपना रही है। लेकिन हम झुकेंगे नहीं बल्कि सरकार को झुकाएंगे। देश की जनता को सरकार को सवाल करना चाहिए कि आखिर सदन बार-बार स्थगित क्यों हो रही है। उन्होंने कहा, वह दिन दूर नहीं जब एक दिन अडानी नाम का व्यक्ति जेल के अंदर होगा।
वहीं अडानी मामले पर विपक्ष की तरफ से की जा रही जेपीसी जांच की मांग पर कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सरकार जानती है कि अगर उन्होंने हमारी JPC की मांग को मान लिया तो जनता के सामने उनकी धज्जियां उड़ जाएगी। भाजपा के सभी भ्रष्टाचार आम लोगों के सामने साबित हो जाएंगे।
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नारेबाजी के बीच जब दिल्ली पुलिस ने सांसदों को आगे नहीं बढ़ने दिया तो नाराज सांसद वापस संसद की ओर नारे लगाते हुए चले गए। इस तरह 25 मिनट विजय चौक पर प्रदर्शन करने के बाद सांसद वापस लौट गए।
टीएमसी ने किया किनारा
विपक्षी दलों के इस मार्च से टीएमसी ने किनारा कर लिया। पार्टी के सांसदों ने अलग से संसद कैंपस में स्थित गांधी प्रतिमा के सामने महंगाई को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। मार्च में शामिल न होने के सवाल पर पार्टी के सांसद संदीप बंदोपाध्याय ने बताया कि सत्ता पक्ष हो या मुख्य विपक्षी दल, दोनों एक दूसरे के विरोधी हैं। बंगाल में बीजेपी और सीपीएम के साथ कांग्रेस मिली हुई है इसलिए हम उसके नेताओं की तरफ से बुलाई गई बैठकों में शामिल नहीं हो रहे हैं।
जानिए आज क्या-क्या हुआ
- आज संसद का सत्र शुरू होने के आधे घंटे पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के पार्लियामेंट चैंबर में विपक्ष के 16 दलों के नेताओं के बीच बैठक हुई। इस बैठक में हिंडनबर्ग-अडानी रिपोर्ट की जेपीसी जांच की मांग को लेकर सरकार पर दबाव बनाने पर सभी दलों ने सहमति जताई। बैठक में यह भी फैसला हुआ कि अडानी मामले की जांच के लिए ईडी को एक पत्र लिखा जाएगा जिस पर सभी सांसदों के हस्ताक्षर होंगे। जिसके बाद सभी सांसद एकत्रित होकर संसद से लेकर ईडी दफ्तर तक पैदल मार्च करते हुए देने जाएंगे और पत्र ईडी को सौंपेगें।
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- वहीं आज संसद सत्र के तीसरे दिन संसद में जोरदार हंगामा हुआ। विपक्ष के नेता जहां अडाणी मामले को लेकर जेपीसी की मांग पर अड़े रहे, वहीं बीजेपी की तरफ से विदेशी जमीन पर दिए बयान को लेकर राहुल गांधी से माफी की डिमांड पर डटे रहे। तीसरा दिन लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई।