जम्मू-कश्मीर में पहचान के लिए लड़ा जाएगा अगला विधानसभा चुनाव
उमर अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर में पहचान के लिए लड़ा जाएगा अगला विधानसभा चुनाव
डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में अगला विधानसभा चुनाव पहचान के लिए लड़ा जाएगा।
अनंतनाग जिले के दोरू इलाके में मंगलवार को नेशनल कॉन्फ्रेंस के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि चुनाव सड़क, बिजली और पानी के लिए नहीं लड़ा जाएगा।
ओमर ने कहा, आम तौर पर चुनाव विकास के लिए लड़े जाते हैं लेकिन इस बार चुनाव पहचान के लिए लड़े जाएंगे ताकि जमीन, नौकरी और अन्य अधिकार स्थानीय लोगों के लिए ही हों।
उन्होंने यह भी कहा कि अब सरकार हर घर को विशिष्ट पहचान पत्र देने की योजना बना रही है, लेकिन आश्चर्य है कि जब उनके पास पहले से ही आधार, पैन और अन्य पहचान पत्र हैं तो इसकी आवश्यकता क्यों है।
उन्होंने आरोप लगाया, यह फैमिली आईडी भारत में कहीं नहीं है जो हमारी पहचान पर एक और हमला है और इन नंबरों को बनाकर सरकार कोशिश कर रही है कि जम्मू-कश्मीर के निवासी नाम से नहीं नंबर से जाने जाएं।
उमर ने कहा कि उनके पिता फारूक अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर में यात्रा के प्रवेश बिंदु पर लखनपुर से राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होंगे।
उन्होंने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस सरकार जम्मू-कश्मीर में आगामी विधानसभा चुनाव के दौरान सत्ता में आने पर पहले ही दिन सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) को निरस्त कर देगी।
यह उल्लेख किया जाना चाहिए कि पीएसए को उमर के दादा, शेख मुहम्मद अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान लागू किया गया था।
यह अधिनियम विवादास्पद हो गया क्योंकि यह मूल रूप से लकड़ी की तस्करी के खतरे से निपटने के लिए अधिनियमित किया गया था और गांदरबल जिले का एक लकड़ी तस्कर बॉब खान जम्मू और कश्मीर में पहला पीएसए बंदी था।
वर्षो से, पीएसए सत्ता में राजनेताओं के हाथों में उनके प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ इस्तेमाल किया जाने वाला एक आसान हथियार बन गया। कठोर अधिनियम के तहत, किसी व्यक्ति को न्यायिक अदालत से बिना किसी सजा के 2 साल तक हिरासत में रखा जा सकता है।
(आईएएनएस)
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