बिहार में फ्लॉप लेकिन पूर्वोत्तर में नीतीश-लालू से ज्यादा हिट हुए चिराग पासवान, नगालैंड के चुनाव में अठावले और पासवान की पार्टी ने गाड़े झंडे
अठावले और चिराग का दम बिहार में फ्लॉप लेकिन पूर्वोत्तर में नीतीश-लालू से ज्यादा हिट हुए चिराग पासवान, नगालैंड के चुनाव में अठावले और पासवान की पार्टी ने गाड़े झंडे
डिजिटल डेस्क, कोहिमा। पूर्वोत्तर राज्यों में भारतीय जनता पार्टी का डंका बजा है। इसके साथ ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेट, लालू प्रसाद की पार्टी आरजेडी, युवा नेता और लोकसभा सांसद चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी (राम विलास) ने भी अच्छा प्रदर्शन किया है। इन सबसे अलग रामदास अठावले की रिपब्लिकन पार्टी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए दो सीटों पर अपनी जीत दर्ज की है। इस जीत के बाद अठावले खूब गद्दगद नजर आ रहे हैं।
जीत से गद्दगद हुए अठावले
इन तमाम पार्टियों ने नगालैंड की जमीन पर खूब चुनाव प्रचार किया था। जिसका परिणाम इन सभी को बखूबी मिला भी, लेकिन लालू यादव की पार्टी राजद कुछ खास कमाल नहीं कर पाई। सबसे बेहतर प्रदर्शन नगालैंड में रामदास अठावले की पार्टी ने किया है। अठवाले की पार्टी के दो उम्मीदवारों की जीत हो चुकी है। जिसके बाद उन्होंने इस मुद्दे पर बातचीत भी की है। उन्होंने कहा कि नगालैंड में मेरी पार्टी ने शानदार प्रदर्शन किया है हमारे दो कैंडिडेट जीत कर नगालैंड विधानसभा में पहुंचे हैं। हमारी रिपब्लिकन पार्टी एनडीए को अपना समर्थन देगी और सत्ता में भागीदारी भी मांगेगी। अठावले का सत्ता में हिस्सा मांगने का अर्थ अपने कोटे से मंत्री बनाना माना जा रहा है। वो आगे कहते हैं कि मैं अध्यक्ष जेपी नड्डा और जनरल सेक्रेटरी संतोष से बात करने वाला हूं कि ताकि हमारी पार्टी को सत्ता में भागीदारी मिले।
— TOD Marathi (@TODMarathi) March 2, 2023
चिराग ने भी गाड़ा झंडा
बता दें कि, वोट प्रतिशत के लिहाज से चिराग पासवान की पार्टी के लिए काफी बेहतर चुनाव रहा है। इनकी पार्टी एलजेपी (राम विलास) को अब तक 8.7 प्रतिशत वोट मिल चुके हैं। जबकि एक सीट पर इनके उम्मीदवार डॉ. सुखतो ए. सेमा ने पुघोबोटो सीट पर एनडीपीपी के उम्मीदवार को 850 वोट से हराया है। जिसके बाद से ही चिराग की खुशी का ठिकाना नहीं है।
राजद का निराशाजनक प्रदर्शन
जनता दल यूनाइटेट को भी अच्छे खासे वोट प्रतिशत मिले हैं। सीएम नीतीश की पार्टी को अब तक 3.3 वोट प्रतिशत मिल चुके हैं। इनकी पार्टी के एक कैंडिडेट आगे भी चल रहे हैं। पार्टी को काफी उम्मीदें होगी कि कम से कम एक सीट पर ही सही खाता तो खुल जाए। हालांकि, इन सबसे से अलग लालू की पार्टी का सबसे बुरा हाल है। अभी तक उनकी पार्टी महज 0.5 वोट प्रतिशत ही मिले हैं और एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं कर पाई है।