एनसीपी वरिष्ठ नेताओं की बैठक में अजित पवार की नो एंट्री! शरद पवार की क्या है रणनीति, महाराष्ट्र के सियासत में आया दिलचस्प मोड़ 

सीनियर पवार बनाम जुनियर पवार एनसीपी वरिष्ठ नेताओं की बैठक में अजित पवार की नो एंट्री! शरद पवार की क्या है रणनीति, महाराष्ट्र के सियासत में आया दिलचस्प मोड़ 

Bhaskar Hindi
Update: 2023-04-21 05:29 GMT
एनसीपी वरिष्ठ नेताओं की बैठक में अजित पवार की नो एंट्री! शरद पवार की क्या है रणनीति, महाराष्ट्र के सियासत में आया दिलचस्प मोड़ 

डिजिटल डेस्क, मुबंई। महाराष्ट्र की राजनीति इन दिनों काफी दिलचस्प होती जा रही है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी यानी एनसीपी के कद्दावर नेता और शरद पवार के भतीजे अजित पवार खूब सुर्खियों में बने हुए हैं। कभी सार्वजनिक मंच से पीएम मोदी की जमकर तारीफ करत देते हैं तो कभी गठबंधन की शिवेसना(यूबीटी) के सांसद संजय राउत को खरी-खरी सुना देते हैं। यह कहना गलत नहीं होगा कि आने वाले कुछ दिनों में महाराष्ट्र की सियासत में कुछ बड़ा होने जा रहा है।

दरअसल, हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि हाल ही में अजित पवार ने पार्टी का झंडा और चिन्ह अपने ट्विटर अकाउंट और फेसबुक से हटा दिया था। इस घटना के बाद कयास लगाए जाने लगे कि छोटे पवार जल्द ही बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। लेकिन मीडिया से बातचीत करते समय अजित पवार ने साफ तौर पर ये कह दिया कि, वो भाजपा में नहीं जा रहे हैं एनसीपी में हूं और आगे भी रहूंगा। यहां तक तो सब ठीक है लेकिन पुणे में एनसीपी वरिष्ठ नेताओं की होने वाली संभागीय बैठक से एन वक्त अजित पवार का नाम हटा लिया गया है। जिसके बाद से एक बार फिर चर्चाएं शुरू हो गई है कि, क्या शरद पवार और अजित पवार में सब कुछ ठीक है या केवल कैमरे पर सब कुछ ठीक होने का दावा कर रहे हैं।

पार्टी बैठक से नदारद पवार 

एनसीपी की यह बैठक शरद पवार के नेतृत्व में होने जा रही है। जिसमें पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेता शामिल होने वाले हैं। जिनमें एनसीपी के राज्य अध्यक्ष जयंत पाटिल, सांसद और वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल और जमानत पर चल रहे अनिल देशमुख व छगन भुजबल जैसे कई वरिष्ठ नेता शामिल होने वाले हैं। लेकिन इन तमाम नेताओं के नाम होने के बाद भी अजित पवार का नाम न होना कई सवाल खड़े कर रहा है। वहीं इस बैठक का मकसद बीजेपी को घेरना बताया जा रहा है। जिसमें प्रदेश भाजपा को चौतरफा घेरने के लिए मास्टर प्लान बनाए जाएंगे। ठीक उसके बाद कार्यकर्ताओं को सभी वरिष्ठ नेता संबोधित करेंगे ताकि बीजेपी सरकार की खामियों को प्रदेश के जन जन तक वो पहुंचा सके।

बैठक से क्यों दूर अजित पवार? 

वहीं अजीत पवार का नाम संभागीय बैठक में न आने की वजह राजनीतिक विश्लेषकों का माना है कि, हाल ही में इफ्तर पार्टी के दौरान अजित पवार ने जमकर पीएम नरेंद्र मोदी की तारीफ की थी और उनके कामों को खूब सराहा था। जिसको देखते हुए शरद पवार ने उन्हें इस बैठक से दूर ही रखा है क्योंकि जहां वो एक तरह गाहे बगाहे बीजेपी की तारीफ कर रहे हैं ऐसे में उनकी तरफ से भाजपा और पीएम मोदी की आलोचना करना बड़ा ही कठिन होगा। इसी बात का ख्याल रखते हुए एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने अजित पवार को पुणे में आयोजित बैठक से दूर ही रखा है।

राउत पर अजित का हमला

अजित पवार को लेकर यह अंदेशा जताया जा रहा है कि वो कभी भी एनसीपी छोड़ बीजेपी का दामन थाम सकते हैं। इस बात पर जब मीडिया ने उद्धव गुट के शिवसेना सांसद संजय राउत से सवाल पूछा तो उन्होंने कहा था कि, अजित पवार को मीडिया के सामने आकर अपनी बात स्पष्ट रूप से रखना चाहिए की आखिर वो क्या चाहते हैं। राउत ने ये भी कहा था कि, बीजेपी अजित पवार और उनके समर्थकों को ईडी और सीबीआई का धौंस दिखा रही है। संजय राउत के इस बयान पर अजित पवार ने जवाब देते हुए कहा था कि, कुछ लोग अपनी पार्टी छोड़ एनसीपी का प्रवक्ता बन गए हैं। जिस पार्टी के आप हैं उसी का मुख पत्र बने रहें।


 

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