इत्र कारोबारी के ठिकानों पर छापे से क्यों बौखलाए अखिलेश, क्या वो कारोबारी आपका पार्टनर है? - निर्मला सीतारमण
सवालिया निशान इत्र कारोबारी के ठिकानों पर छापे से क्यों बौखलाए अखिलेश, क्या वो कारोबारी आपका पार्टनर है? - निर्मला सीतारमण
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। क्या वो इत्र कारोबारी आपका पार्टनर है? आप क्यों जांच एजेंसियों के इस छापे से बौखलाएं हुए हैं? यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को तो हमारी वित्तीय जांच एजेंसियों के काम की तारीफ करनी चाहिए, लेकिन अखिलेश यादव तो छापे के पूरे मामले का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रहे हैं, नई दिल्ली में 46वीं जीएसटी काउंसिल बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कानपुर के इत्र कारोबारी पीयूष जैन के यहां जांच एजेंसियों के छापे और वहां से बरामद करोड़ों रुपये को लेकर अखिलेश यादव की आपत्ति पर पलटवार किया।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि यूपी में हमारी वित्तीय जांच एजेंसियों की कार्रवाई सबूतों के मिलने के बाद हुई है। हमारी वित्तीय जांच एजेंसियों के पास पर्याप्त सबूत थे, तभी छापे मारे गए और इन छापों से जो निकला, वो आपके सामने हैं, ऐसे में अखिलेश यादव का वित्तीय जांच एजेंसियों की कार्यप्रणाली पर ऊंगली उठाना निंदनीय है। आप तब सवाल उठाते यदि इन छापों से हमारी जांच एजेंसियों को कुछ नहीं मिलता। सारी कार्रवाई अहमदाबाद में एक ट्रक के पकड़े जाने और वहां से मिली पुख्ता जानकारी के बाद हुई है।
क्या छापा मारने के लिए भी मुहूर्त निकाला जाना चाहिए?
केंद्रीय वित्त मंत्री ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के यूपी विधानसभा चुनाव के पहले केंद्रीय जांच एजेंसियों की इस कार्रवाई पर सवाल खड़े किए थे।
यादव ने कहा था कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी के साथ केंद्रीय जांच एजेंसियां भी चुनाव लड़ रहीं हैं। बीजेपी केंद्रीय जांच एजेंसियों की इन कार्रवाई से विपक्ष को डराने की कोशिश कर रही है।
अखिलेश यादव के इन बयानों पर पलटवार करते हुए निर्मला सीतारमण ने अखिलेश यादव से पूछा कि क्या छापा मारने के लिए भी मुहूर्त निकाला जाना चाहिए। क्या केंद्रीय वित्तीय जांच एजेंसियों को कालेधन के पुख्ता सबूत मिलने के बाद भी चुनाव के हो जाने का इंतजार करना चाहिए था।
(आईएएनएस)