एक साल में दो करोड़ लोगों को नौकरियां देने का वादा मोदी सरकार का जुमला साबित हुआ
नई दिल्ली एक साल में दो करोड़ लोगों को नौकरियां देने का वादा मोदी सरकार का जुमला साबित हुआ
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस ने बेरोजगारी तथा अर्थव्यवस्था के मसले पर केन्द्र सरकार को घेरते हुए सवाल किया कि प्रत्येक वर्ष दो करोड़ लोगों को नौकरियां देने का मोदी सरकार का वादा महज एक जुमला सबित हुआ है। सिब्बल ने एक ट्वीट में, कहा, मोदी जी ने 2019 में कहा था कि भारत 2022 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था होगा । एक ट्रिलियन कृषि,एक ट्रिलियन, विनिर्माण, मोदी जी ने वादा किया था कि वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी होगी और हर साल दो करोड़ रोजगार लोगों को दिए जाएंगे।
कांग्रेस पार्टी शुरू से ही मोदी सरकार पर निशाना साधती रही है और उसने आरोप लगाया है कि 84 फीसदी भारतीयों की घरेलू आय में कमी आई है। कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया है कि केंद्र की खराब आर्थिक नीति के कारण देश में बेरोजगारी दर 7 फीसदी, थोक महंगाई 13.56 फीसदी, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 74 के स्तर पर आ गया है जबकि 2021 में 84 फीसदी घरों की आय में गिरावट आई है और कुछ व्यक्तियों की संपत्ति नौ गुना बढ़ गई हैं।
कांग्रेस ने मांग करते हुए कहा कि कॉरपोरेट टैक्स को 30 फीसदी से घटाकर 22 फीसदी किया जाए और इसी तरह की राहत मध्यम और निम्न-आय वर्ग को दी जानी चाहिए। कांग्रेस पार्टी ने मांग करते हुए कहा कि सरकार को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 25 रुपये प्रति लीटर की कमी करनी चाहिए। इसी तरह आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी दरों में या तो छूट दी जानी चाहिए या इन्हें तर्कसंगत बनाया जाना चाहिए क्योंकि इन वस्तुओं पर उच्च दरें प्रतिगामी प्रकृति की हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने एक वर्चुअल प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि देश के 84 फीसदी घरों की आय 2021 में घट गई लेकिन इसके साथ ही भारतीय अरबपतियों की संख्या 102 से बढ़कर 142 हो गई है जिसमें 39 फीसदी की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा सबसे अमीर 98 भारतीयों के पास निम्न स्तर पर जीवन निवार्ह करने वाले 55.2 करोड़ लोगों के बराबर संपत्ति है।
कोरोना महामारी की पहली दो लहरों के दौरान, भारतीय अरबपतियों की संपत्ति 23.14 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 53.16 लाख करोड़ रुपये हो गई है। अरबपतियों की संपत्ति में वृद्धि 30.02 लाख करोड़ रुपये हो गई है जो वित्त वर्ष 2021-22 के केंद्रीय बजट 34.83 लाख करोड़ का 86 प्रतिशत है।
(आईएएनएस)